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उत्तराखंड : संविधान दिवस पर चमोली पुलिस ने दोहराया राष्ट्र सेवा और संवैधानिक निष्ठा का संकल्प

उत्तराखंड : संविधान दिवस पर चमोली पुलिस ने दोहराया राष्ट्र सेवा और संवैधानिक निष्ठा का संकल्प

गोपेश्वर : संविधान दिवस के अवसर पर पुलिस कार्यालय गोपेश्वर में बुधवार 26 नवंबर 2025 को एक गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पंवार ने पुलिस अधिकारियों और जवानों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। उन्होने सभी पुलिस कर्मियों को संविधान में निहित मूल्यों, आदर्शों और उद्देशिका को सदैव स्मरण रखने का आह्वान किया तथा राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा का संकल्प दिलाया।

पुलिस अधीक्षक चमोली ने कहा भारतीय संविधान केवल कानून की पुस्तक नहीं, बल्कि हर भारतीय की स्वतंत्रता, समानता और न्याय का आधार है। इन मूल्यों की रक्षा करना हमारा सर्वोच्च कर्तव्य है। चमोली पुलिस सदैव जनता की सेवा, सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देती रही है और आगे भी देती रहेगी। उन्होंने सभी जवानों को कर्तव्य परायणता, निष्ठा, अनुशासन और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

इसी क्रम में पुलिस लाइन गोपेश्वर में पुलिस उपाधीक्षक कर्णप्रयाग त्रिवेन्द्र सिंह राणा तथा जनपद के समस्त थाना/चौकी प्रभारियों द्वारा अपने-अपने अधीनस्थ कर्मियों को संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कराते हुए शपथ दिलाई गयी। 

26 नवम्बर 1949 को भारत के संविधान के अंगीकृत होने की स्मृति में संपूर्ण देश में यह दिवस संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो हम सभी को राष्ट्र निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का अवसर प्रदान करता है।

संविधान की प्रस्तावना

भारतीय संविधान की प्रस्तावना न केवल इसे एक विस्तृत दिशा देती है, बल्कि यह समाज के मूलभूत सिद्धांतो की भी आधारशिला है। इसमें कहा गया है, हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न,समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,प्रतिष्ठा और अवसर की समता,प्राप्त कराने के लिए,तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित कराने वाली, बन्धुता बढ़ाने के लिए,दृढ़ संकल्पित होकर अपनी संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

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