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दी हाई हिलर्स ग्रुप, दिल्ली एवं गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी भाषा अकादमी के तत्वाधान में डॉ. सतीश कालेश्वरी जी के उत्तराखण्डी नाटक "मधु मंडाण" का LTC सभागार मंडी हाऊस में किया गया मंचन

 

दी हाई हिलर्स ग्रुप, दिल्ली एवं गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी भाषा अकादमी के तत्वाधान में डॉ. सतीश कालेश्वरी जी के उत्तराखण्डी नाटक "मधु मंडाण" का LTC सभागार मंडी हाऊस में किया गया मंचन

नई दिल्ली : दी हाई हिलर्स ग्रुप दिल्ली एवं गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी भाषा अकादमी के तत्वाधान में शनिवार सांय LTC ऑडिटोरियम, मंडी हाऊस दिल्ली में डॉ. सतीश कालेश्वरी द्वारा रचित उत्तराखंडी नाटक मधु मंडाण का मंचन किया गया। नाटक दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में सफल रहा।


नाटक आरंभ होने से पूर्व सर्वप्रथम द्वीप प्रज्वलित किया गया तत्पश्चात दी हाई हिलर्स ग्रुप द्वारा उत्तराखंड के वरिष्ठ रंगकर्मी मित्रानंद कुकरेती जी को सम्मानित किया गया। भाजपा दिल्ली प्रदेश के मंत्री और डीपीएमआई के चेयरमैन डॉ. विनोद बछेती जी, गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी भाषा अकादमी के सचिव गर्ग जी, वरिष्ठ रंगकर्मी हेमू पंत जी, वरिष्ठ साहित्यकार रमेश घिल्डियाल जी और दिनेश ध्यानी जी, पत्रकार चारु तिवारी जी, व्योमेश जुगरान जी, उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोकगायिका कल्पना चौहान जी, संगीतकार राजेंद्र चौहान जी के हाथों मोमेंटो, सम्मानपत्र व अंगवस्त्र देकर श्री कुकरेती जी को सम्मान प्रदान किया गया। 

डॉक्टर सतीश कालेश्वरी जी द्वारा लिखित एवं श्री हरि सेमवाल जी द्वारा निर्देशित मधु मंडाण नाटक आज की बदलती जीवन शैली से उपजे डायबिटीज जैसे रोग और उत्तराखंड के गांवों की जीवनशैली पर  आधारित था। इस बीमारी के चलते कैसे एक युवा और उसका परिवार अज्ञानतावश विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों और तंत्रमंत्र के भंवरजाल में फंसकर छिन्नभिन्न हो जाता है, लेकिन पहाड़ की जीवनशैली और शारीरिक श्रम के चलते वो न केवल इस रोग से निजात पाते हैं बल्कि कमर्शियल खेती को साधन बना अपनी आर्थिकी को भी सुधारते हैं। कुल मिलाकर लेखक ने बड़ी चतुराई से शुगर के माध्यम से युवाओं को रिवर्स पलायन का संदेश दिया है।

शुगर के पात्र ने शुरुआत में ही अपने बेहतरीन अभिनय से लोगों को नाटक से जोड़ दिया और जैसे जैसे नाटक आगे बढ़ा सभी पात्रों ने अपने अभिनय से न केवल दर्शकों को गुदगुदाया बल्कि सभी को अंत तक बांधे रखकर खूब तालियां बटोरी। 


हास्य व्यंग से भरपूर इस नाटक को देखने के लिए कई रंगकर्मी, लेखक, साहित्यकार, कवि, पत्रकार, समाजसेवी, उत्तराखंड फिल्म की जानी मानी हस्तियां के अलावा काफी संख्या में बच्चे मौजूद थे। 

पात्र परिचय

संजू                     एकाग्र कालेश्वरी

ग्रामीण                 शेखर भट्ट, मनोहन उप्रेती

ग्रामीण रामप्रसाद   आई. पी. उनियाल

शिष्या                  पुष्पा देवली, लक्ष्मी दानू

दर्शनी                   लक्ष्मी जुयाल

पुलिस कर्मी           दीन दयाल जुयाल

यू ट्यूबर                 धर्मेंद्र

चैतु छुटभैया            धर्मवीर रावत

ग्रामीण फार्मेसिस्ट    शशि बडोला

हरिया।                   रामपाल किमोली

मेडिकल प्रतिनिधि    गौरी रावत

पीली देवी।              सविता पंत

श्यामा                     विजयलक्ष्मी वेदवाल

ड्रीम मैडम                ममता कर्नाटक

आरामदेव                 विनोद नेगी

रोगिंदर                    वीरेंद्र सिंह गुसाईं

डॉ. नैथानी                उमेश बंदूनी 

हकीम                      रविन्द्र गुड़ियाल

दर्शन                        दर्शन सिंह रावत

वैद्यराज                     बृजमोहन वेदवाल

पिंकी देवी                  गीता गुसाईं नेगी

नेता/ जगरी।               रमेश ठगरियाल 





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