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धामी सरकार की बड़ी कार्रवाई हरिद्वार जमीन घोटाले में 2 आईएस, 1 पीसीएस अधिकारी सहित 12 लोगों को किया निलंबित

धामी सरकार की बड़ी कार्रवाई हरिद्वार जमीन घोटाले में 2 आईएस, 1 पीसीएस अधिकारी सहित 12 लोगों को किया निलंबित


देहरादून : अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए धामी सरकार ने हरिद्वार नगर निगम में हुए जमीन घोटाले में 2 आईएस और 1 पीसीएस अधिकारी सहित  कुल 12 लोगों को सस्पेंड किया है। 

मामला हरिद्वार के ग्राम सराय में एक बेकार पड़ी भूमि को कई गुना अधिक दाम में खरीदने का है। खरीद प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई। मामला सामने आने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। सचिव रणवीर सिंह चौहान ने इस पूरे प्रकरण के जांच कर अपनी रिपोर्ट 29 मई को प्रशासन को सौंपी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाही करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को कार्मिक विभाग ने करोड़ों रूपये के घोटाले में लिप्त सभी अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। 

कार्मिक विभाग ने अब तक की बड़ी कार्रवाई करते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह, वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, कानूनगों राजेश कुमार, तहसील प्रशासनिक अधिकारी कमलदास, और वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की को भी निलंबित किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा हरिद्वार नगर निगम जमीन घोटाले में लिया गया यह  निर्णय केवल एक घोटाले के पर्दाफाश की कार्रवाई नहीं, बल्कि उत्तराखंड की प्रशासनिक और राजनीतिक संस्कृति में एक निर्णायक बदलाव का संकेत हैं।

इस मामले में नगर निगम के प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट और अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल को पूर्व में ही निलंबित हो चुके हैं जबकि  संपत्ति लिपिक वेदवाल का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है।  

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