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चमोली खबर : एक ईमानदार जिलाधिकारी के साथ डट कर खड़ी है जनपद चमोली की जनता

एक ईमानदार जिलाधिकारी के साथ डट कर खड़ी है जनपद चमोली की जनता


GOPESHWAR : अगर आप ईमानदारी से अपना कार्य बेहतर कर रहे हैं तो स्वाभाविक है लोग आपके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहेंगे। ऐसा ही एक मामला चमोली जनपद में भी देखने को मिल रहा है। यहां एक ईमानदार आईएएस संदीप तिवारी जिलाधिकारी के तौर पर जनपद की बेहतरी के लिए अनेकों विकासशील योजनाओं को परवान चढ़ा रहे हैं। उन्होंने पलायन रोकने के लिए गांव के लोगों को जागृत कर कृषि के क्षेत्र में कुछ क्रांतिकारी परियोजनाएं शुरू की हैं उस कार्य में जो भ्रष्ट अधिकारी बाधा बन रहे हैं उनपर वे ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रहे हैं। जनपद के लोग उनकी कार्यशैली के मुरीद हो गए हैं।
अभी कुछ दिन पहले उन्होंने जनपद मुख्यालय के आबकारी कार्यालय में औचक निरिक्षण किया तो उन्होंने पाया कि जिला आबकारी अधिकारी व दो कर्मचारी नदारद है। कार्यालय में एकमात्र पीआरडी कर्मचारी ही मौजूद था। पूछने पर कर्मचारी ने बताया कि सबकी तबियत खराब होने के कारण वे जांच के लिए अस्पताल गए हैं। जिलाधिकारी ने जब अटेंडेंस रजिस्टर चेक किया तो सभी की सुबह की हाजिरी लगी हुई थी। डीएम ने सभी का एक दिन का वेतन रोकते हुए जिला आबकारी अधिकारी को सर्विस ब्रेक और दोनों कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी।
सोशल मीडिया में इस बात की चर्चा है कि जिलाधिकारी की इस कार्यवाही पर आबकारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी ने अपने साथ अभद्रता करने का आरोप लगाकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। यही नहीं कुछ लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी पर दवाब बनाने के लिए आबकारी यूनियन ने भी हड़ताल की धमकी दे डाली है।
आबकारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी की इस हरकत से जनपद की जनता सोशल मीडिया के माध्यम से जिलाधिकारी के साथ खड़ी नज़र आ रही है। लोग सोशल मीडिया पर जिलाधिकारी संदीप तिवारी की सादगी और कार्यशैली को बेवजह विवाद बनाये जाने को लेकर आबकारी अधिकारी को आड़े हाथों ले रहे हैं और भ्रष्टाचारियों के मनसूबो को किसी भी तरह से सफल न होने देने के लिए जिलाधिकारी के साथ खड़े दिख रहे हैं। लोगो का कहना है कि यदि आबकारी विभाग हड़ताल करता है तो हम लोग भी जिलाधिकारी के फेवर में सड़कों पर उतरेंगे।
जनता की ऐसी ही एक बानगी हमने कर्णप्रयाग में भी देखी थी जब वहां जिला अस्पताल के चिकित्सक का तबादला हुआ था तो उसे रोकने के लिए कर्णप्रयाग की तमाम जनता सड़कों पर उतर आई थी।
इस दौर में युवाओं में इस तरह की एक नई बानगी देखने को मिल रही है जो अपने क्षेत्र के विकास के लिए ईमानदार अधिकारियों को किसी भी तरह खोना नहीं चाहते।

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