नई दिल्ली : उत्तराखंड सरकार के मंत्री प्रेमचंद द्वारा उत्तराखंण्ड मूलनिवासियों के लिये अपशब्दों का प्रयोग कर अपमानित करने के विरोध में उत्तराखंड सहित दिल्ली मुंबई में जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड के लोगों की मांग है कि उत्तराखंड के मूल निवासियों का अपमान करने के लिए प्रेमचंद को तुंरत मंत्री पद से हटाया जाय।
रविवार 02मार्च को दिल्ली उत्तराखंड प्रवासी संगठन द्वारा राजघाट से निगमबोध घाट तक आक्रोश रैली आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली के पहाड़ी मूलनिवासियों ने भारी संख्या में भाग लिया। लेकिन पहाड़ की आवाज को दबाने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा बल प्रयोग कर लाठी चार्ज किया गया और सभी आंदोलनकारियों को डिटेन कर राजघाट से ही बस में भरकर राजेंद्र नगर थाना ले जाया गया। लेकिन पहाड़ी मूलनिवासियों ने पुलिस थाने में ही अपना विरोध जाताना शुरू कर दिया।
इस दौरान संगठन द्वारा प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन थाने के एसएचओ को सौंपा गया। पुलिस और आंदोलनकारी लोगों के बीच थाने में भी जबरदस्त जद्दोजहद देखने को मिली। इस बीच दिल्ली एनसीआर से काफी लोगों ने अपने साथियों का साथ निभाने के लिए थाने पहुंचकर अपना विरोध जताया। करीब 5 घंटे के हंगामे के बाद पुलिस ने समस्त आंदोलनकारियों को देर शाम छोड़ा।
आंदोलन में MDUPS के समस्त पदाधिकारियों अध्यक्ष कमल ध्यानी, महासचिव मुकेश खंतवाल, सचिव बीरेंद्र पटवाल , प्रधान हरपाल मनराल, कानूनी सलाहकार एडवोकेट महावीर सिंह फरस्वार्ण, कोषाध्यक्ष हरेंद्र रावत, प्रवक्ता रविंद्र रावत व रघुबीर पटवाल, सहित अनिल पंत, मनोज द्विवेदी, लक्ष्मी नेगी, रेखाभट्ट सहित अनेकों लोग उपस्तिथ रहे ।
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