विजय गैरोला
कर्णप्रयाग : जनपद चमोली के कर्णप्रयाग ब्लॉक स्थित सिद्धपीठ चण्डिका मंदिर में माँ चंडिका 14 वर्षों बाद गर्भगृह से बन्याथ या द्योरा यात्रा के लिए क्षेत्र भ्रमण पर निकली है। इस सुअवसर पर क्षेत्र के तमाम कुल देवी देवताओं का भावपूर्ण और अद्भुत महामिलन श्रद्धालुओं को देखने को मिला। इसके साथ ही 8, 9 और 10 सितम्बर को विभिन्न तरह के धार्मिक अनुष्ठानों ब्रह्मबंधन, दुर्गा सप्तशती पूजा, अभिषेक पूजादि और पौराणिक पंरपराओं के साथ आस्था, अध्यात्म और संस्कृति की त्रिवेणी का प्रवाह भी देखने को मिला। मां चण्डिका और उनके भाई लाटू देवता का मिलन देख कर भक्तजन भावविभोर हो गए। 11 सितंबर को विधि-विधान के साथ चंडिका देवी बन्याथ यात्रा के पहले पड़ाव रतूड़ा गांव पहुंची। रतूड़ा गांव (चांदपुर) में देवी चण्डिका की सहधर्मिणी देवियां नागिना या नैणी देवी, नंदा देवी, ज्वालपा देवी, सरस्वती देवी समेत कई अन्य देवी देवताओं का प्रवास भी है।
11 सितंबर को मुख्य पुजारी महानंद गैरोला, कृष्णा गैरोला, प्रदीप गैरोला और उनके बयोबृद्ध पिता पंडित हरी प्रसाद गैरोला, देवरा यात्रा गणवाई श्री विशम्बर दत्त सती, पुजारी कांति गैरोला और भोग पुजारी शांति गैरोला द्वारा मंत्रोचारण व शंखनाद के साथ चण्डिका देवी ने अपने स्थान सिमली से वाद्य यंत्रों की थाप, लोक जागर, लोक गीतों व अपार जनसमूह के साथ विकराल रूपधर, गुस्से में आटागाड पार करते हुए फुर्कीधार, केदारूखाल होते हुए रतूड़ा गांव के लिए प्रस्थान किया।
रतूड़ा गांव की सीमा में रतूड़ा के सभी ग्रामीणों ने मां चण्डिका की आगवानी की, ग्रामीणों द्वारा मान मनौव्वल करने पर माता रानी खुशी खुशी रतूड़ा गांव में पहुंची। रात को जागरण आदि होने के बाद मां ने यहीं रात्रि विश्राम किया। आज बृहस्पतिवार की सुबह रतूड़ा वासियों ने मां चण्डिका की पूजा अर्चना की तथा सम्पूर्ण गांव की ओर से यथासंभव फल-फूल, प्रसाद, श्रृंगार सामान, जेवर आदि भेंट किया गया। भक्तों की अपार श्रद्धा और भक्ति देखकर मां चण्डिका ने सभी गांव वासियों और ध्याणीयों को अपना आशीर्वाद दिया और फिर बसक्वाली गांव के लिए बिदा ली।
जाख गांव के प्रताप सिंह रावत, राजेंद्र सिंह रावत, सुनील रावत, सुन्दर गांव के गजेंद्र सिंह और खुशाल सिंह, सिमली गांव के बीरेंद्र लडोला, जगदीश लडोला, महिपाल सिंह लडोला, मातबर सिंह लडोला, मोहन सिंह लाडोला, सेनू गांव के राकेश नेगी, राजेश नेगी, मुकेश एवं पुजारी गांव गैरोली के बीरेंद्र गैरोला और रविंद्र गैरोला ने द्योरा यात्रा की अगुवाई की।
बता दें कि इस यात्रा की अगुवाई कर रहे 92 वर्ष के वयोवृद्ध पंडित महानंद गैरोला वर्ष 1994-95 में भी माँ चंडिका ध्योरा यात्रा में भी मुख्य पुजारी थे।
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