नई दिल्लीः उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच दिल्ली एवं हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के संयुक्त तत्वाधान में आगामी 5 एवं 6 अक्टूबर, 2024 को श्रीनगर गढ़वाल में दो दिवसीय अखिल भारतीय गढ़वाली भाषा व्याकरण एवं मानकीकरण कार्यशाला का आयोजन होगा। जिसमें गढ़वाली भाषा के कुछ मानक शब्दों पर निर्णय होगा तथा गढ़वाली भाषा व्याकरण पर भी गंभीरता से चिंतन किया जाएगा। साथ ही भाषा के विभिन्न आयामों जैसे गढ़वाली साहित्य की दशा व दिशा, साहित्य से दूर होती युवा पीढ़ी समेत कई गंभीर सवालों के हल तलाशने का काम होगा। विभिन्न विषयों पर भी विद्वान साहित्यकार लोग अपनी राय रखेंगे।
उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच के संयोजक दिनेश ध्यानी ने बताया कि श्रीनगर का यह आयोजन गढ़वाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की दिशा में अहम पड़ाव साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यशाला में गढ़वाल विश्वविद्यालय के विद्वतजनों समेत कई भाषाविद, साहित्यकार भाग लेंगे।
कार्यक्रम समन्वयक अनिल कुमार पन्त ने बताया कि उक्त आयोजन में गढ़वाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु एक ज्ञापन सभी के हस्ताक्षर से केन्द्र सरकार को प्रेषित किया जायेगा। तथा भाषा संबंधी कु प्रस्ताव भी इस आयोजन में पास किए जायेंगे। ज्ञातव्य हो कि उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली लगातार गढ़वाली व कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु लगातार प्रयास कर रहा है। अभी तक मंच चार ज्ञापन भारत सरकार का सौंप चुका है एवं उत्तराखण्ड सरकार से भी विधान सभा से गढ़वाली एवं कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु अनुरोध कर चुका है।
ज्ञातव्य हो कि उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली की एक टीम हाल ही में श्रीनगर गई थी। जिसमें साहित्यकार दिनेश ध्यानी, दर्शन सिंह रावत, जगमोहन सिंह रावत जगमोरा, अनिल कुमार पन्त, पत्रकार द्वारिका भट्ट आदि ने श्रीनगर गढ़वाल में आयोजन संबधी तैयारियों को जायजा लिया। तथा अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर एम एस नेगी, भाषा प्रयोगशाला समन्वयक डॉ अरूषी उनियाल एवं उक्त आयोजन के श्रीनगर समन्वयक डॉ सर्वेश उनियाल व भाषा प्रेमी झबर सिंह रावत आदि से मुलाकात की। श्री ध्यानी न कहा कि हम साथ ही हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय, श्रीनगर की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल का आभार व्यक्त करते हैं कि कि उन्होंने इस आयोजन हेतु अनुमति देकर करके इस आयोजन की भव्यता एवं दिव्यता प्रदान की।
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