पिथौरागढ़ : पहाड़ की खूबसुरती हमें जरूर लुभाती है लेकिन पहाड़ों पर जीवन यापन करना पहाड़ की तरह ही विकट है। पिछले कुछ दिनों से बारिश के कारण उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में सड़कों पर मलवा आने से वे बार बार बंद हो रही है। जिससे जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है और बीमार व्यक्तियों की मुशीबतें बढ़ गई है।
पिथौरागढ़ जिले की बांस-खतीगांव सड़क बंद होने से एक बीमार युवती को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। क्षेत्रवासियों का कहना है कि एक सप्ताह से सड़क बंद है लेकिन अब तक प्रशासन की तरफ से उसे खोलने के लिए कोई कार्यवाही नहीं हुई। युवती की मौत के बाद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष की सूचना पर एडीएम ने पीडब्लूडी अधिकारियों के साथ बंद सड़क का निरीक्षण कर शीघ्र सड़क खोलने के निर्देश दिए।
जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले की बांस-खतीगांव सड़क एक सप्ताह पहले चट्टान दरकने से बंद हाे गई थी। मंगलवार रात को तल्लीसार निवासी हरक सिंह की पुत्री गंगा 30 वर्ष को पेट में बहुत तेज दर्द हुआ। ऐसी हालत में उसे जल्द से जल्द उपचार की जरुरत थी लेकिन सड़क बंद होने के कारण ग्रामीण उसे अस्पताल नहीं ले जा सके। उपचार न मिलने से गंगा ने घर पर ही दम तोड़ दिया।
बुधवार सुबह क्षेत्र पंचायत सदस्य सोबन सिंह ने इस मामले की जानकारी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र बोहरा को दी। उन्होंने मामले की सारी जानकारी डीएम रीना जोशी को दी। इसके बाद डीएम के निर्देश पर एडीएम शिवकुमार बरनवाल लोक निर्माण विभाग के ईई के साथ बंद सड़क का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने ईई को शीघ्र सड़क खोलने के निर्देश दिए।
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