ASHIAN JUNIOR BOXING CHAMPIONSHIP 2023 : युवा महिला राष्ट्रीय मुक्केबाज निकिता चंद ने कजाकिस्तान में एशियन जूनियर बॉक्सिंग चैंम्पियनशिप में अपने शानदार प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया। निकिता चंद इससे पहले दो बार जूनियर नेशनल के साथ ही दो बार आसियान बॉक्सिंग चैम्पियन रह चुकी है। उन्होंने इस उपलब्धि को हांसिल करने के लिए बहुत ही मेहनत की है। संसाधनों की कमी के बावजूद ये होनहार बेटी खेलों में दुनिया में खूब नाम कमा रही है और भारत का तथा उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही है। निकिता की जीत से भारत और उनके गृह प्रदेश में ख़ुशी की लहर है।
60 किलोग्राम भार वर्ग के फ़ाइनल मुकाबले में निकिता ने उज्बेकिस्तान की बॉक्सर को पहले ही राउंड में परास्त कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में ये कारनामा तीसरी बार किया है। वर्तमान में निकिता बिजेंद्र मल बॉक्सिंग अकादमी प्रशिक्षण ले रही है और पीएनएनएफ स्कूल की छात्रा है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बड़ालु गांव निवासी सुरेश चंद की बेटी निकिता चंद तीसरी बार महज नौ साल की उम्र में पिता की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण अपने फूफा के साथ रहने लगी, जहां उसने फूफा बिजेंद्र को बॉक्सरों के साथ पंच मारते देखा तो उसे भी बॉक्सिंग का शौक जाएगा और तभी से उसने बॉक्सिंग को अपना लक्ष्य बना लिया। फूफा से प्रशिक्षण लेते हुए निकिता ने वर्ष 2019 में स्कूल नेशनल में कांस्य पदक प्राप्त किया फिर 2021 में सोनीपत में हुई जूनियर नेशनल बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक जीतकर चैंपियन बनी।
वर्ष 2021 में ही निकिता ने दुबई में हुई जूनियर एशियन चैंपियनशिप तथा मार्च 2022 में जॉर्डन में हुई एशियन चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीता। फूफा के संरक्षण में निकिता का अगला लक्ष्य यूथ वर्ल्ड व कॉमनवेल्थ गेम में भी गोल्ड जीतना है जिसकी तैयारी के लिए वो काफी मेहनत कर रही है।
कक्षा ग्यारहवीं में पढ़ने वाली अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सर निकिता ने बताया कि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। किन्तु उनकी प्रतिभा आर्थिक सहायता नहीं मिलने के कारण दम तोड़ देती है। वहीं 1987 में नेशनल चैंपियन रह चुके उनके कोच विजेंद्र मल ने निकिता की जीत को उसकी मेहनत का फल बताया। उन्होंने कहा वह निकिता के साथ ही करीब 32 बॉक्सरों को घर पर ही बनाये रिंग में प्रतिदिन दो घंटे सुबह और तीन घंटे शाम को अभ्यास कराते हैं।
निकीता की इस सफलता पर उनके पिता सुरेश चंद भावुक हो गये। उन्होंने कहा की मेरी बेटी ने अभावों से निकलकर अपना एक मुकाम बनाया है इसका मुझे गर्व हैं। निकीता की इस सफलता पर समूचे पिथौरागढ व बदालु क्षेत्र मे खुशी की लहर है सभी लोग निकीता चन्द की सफलता पर उनके घर जा कर बधाई दे रहे हैं।
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