देहरादून : शिक्षा विभाग के चर्चित स्टिंग प्रकरण में फरार चल रहे पूर्व मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत को पुलिस ने देहरादून के बिंदाल क्षेत्र से गिरफ्तार करने के बाद एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की रिमांड पर सिद्धोवाला जेल भेज दिया है। आरोपी रावत 31 अक्टूबर को शिक्षा विभाग से रिटायर हुए हैं।
ज्ञात हो कि इस चर्चित प्रकरण में शिक्षा विभाग के एक कर्मी की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने मामले में शामिल तीसरे आरोपी तत्कालीन डीईओ माध्यमिक हरेराम यादव की तलाश तेज कर दी है। गिरफ्तार आरोपी रावत 31अक्टूबर को शिक्षा विभाग से रिटायरमेंट हो चुका है।
सितंबर 2018 में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक स्टिंग में पौड़ी के तत्कालीन शिक्षा अधिकारियों के बीच कॉलेज में अपने संबंधियों की नियुक्ति करने और घूस लेने की वार्ता स्पष्ट दिखाई दे रही थी। इसके बाद मामले की जांज के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की गई थी लेकिन उस पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस मामले की जनहित याचिका में तत्कालीन मुख्य प्रबंधक उच्च माध्यमिक कोटगढ़ पौड़ी, मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पटल सहायक अनिल नेगी सहित सरकार को पक्षकार बनाया गया था।
7 दिसंबर 2022 को स्टिंग मामले में शासन से अनुमति मिलने के बाद पौड़ी के तत्कालीन सीईओ मदन सिंह रावत, डीईओ माध्यमिक हरेराम यादव और पटल सहायक दिनेश गैरोला के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था।
वर्तमान सीओ श्याम दत्त नौटियाल ने तत्कालीन सीईओ मदन सिंह रावत की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मामले में तत्कालीन डीईओ माध्यमिक हरेराम यादव की तलाश जारी है वह रिटायरमेंट के बाद से फरार चल रहा है।
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