NEW DELHI : रविवार 30 जुलाई को जंतर मंतर पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियो की एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत हुई जिसमें चिन्हीकरण को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया।
प्रस्ताव में कहा गया है कि 3 जनवरी 2017 जिओ के आधार पर जिन लोगों की वेरिफिकेशन नहीं हुई उन लोगों की वेरिफिकेशन की जाए और जिनके प्रकरण जिलों में पड़े हुए हैं उन सभी राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हिकृत किया जाए।
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवता, सदस्य AICC ने जंतर मंतर आंदोलन स्थल और राज्य आंदोलनकारियों के बारे में एक विवादित बयान दिया है जिसका वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह कहती दिख रही है कि वहां के काले कारनामों का वह खुलासा करेंगी। बैठक में उपस्थित सभी आंदोलनकारियों ने उनके इस बयान की कड़े शब्दो में निंदा की व इसे शर्मनाक करार दिया। उन्होंने एक स्वर में कहा की इस संबंध में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे जी से मुलाकात कर उस उत्तराखंड विरोधी मानसिकता के पदाधिकारी को सभी पदों से बर्खास्त कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए भी कहा जायेगा। इसके साथ ही श्री खुशहाल सिंह बिष्ट देव सिंह रावत अनिल पत मनमोहन सिंह ने 6 साल तक यहां टेंट में रहने वाले प्रमुख चिन्हित राज्य आंदोलनकारी साथी श्री राजेंद्र शाह को आंदोलन स्थल से जोड़कर उनके विषय में दिए बयान की भी कड़ी आलोचना कर माफी मांगने को कहा है। सभी आंदोलनकारियो ने एक स्वर में कहा की इस तरह के घटिया बयानों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी श्री शिव सिंह रावत ने कहा कि श्री राजेंद्र शाह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपना घर बार छोड़कर कड़ी सर्दी, भीषण गर्मी और भारी बरसात में भी सभी साथियों के साथ राज्य बनने तक 6 साल आंदोलन स्थल पर डटे रहे। इस मौके पर सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते इस प्रकरण पर कार्यवाही नहीं की गई तो सभी आंदोलनकारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इस बैठक में राज्य आंदोलनकारी देव सिंह रावत, मनमोहन सिंह, खुशाल सिंह बिष्ट, अनिल पंत, दाताराम चमोली, देकर सिंह, रामेश्वर गोस्वामी, पंचम सिंह रावत, पदम सिंह बिष्ट, राजेंद्र सिंह चौहान, लीलाधर मिश्रा, जगदीश कुकरेती, शिव सिंह रावत, रणवीर सिंह पुंडीर, देवेंद्र पंत, जगदीश सिंह रावत, राम सिंह रावत सहित अनेक राज्य आंदोलनकारी मौजूद थे।
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