नई दिल्ली : आज कुमाऊनी भाषा, साहित्य एवं सांस्कृतिक समिति, दिल्ली द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कुमाऊनी भाषा के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर विस्तृत चर्चा की गई। गोष्ठी में दिल्ली एनसीआर में रहने वाले सभी वर्ग के कुमाऊनी प्रवासियों ने भाग लिया। जिसमें भाषा, साहित्य, संस्कृति,पत्रकारिता, समाजसेवा आदि से जुड़े सभी वर्ग के लोगों सम्मिलित थे। इस गोष्टी का मुख्य उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी में कुमाऊनी भाषा को -कैसे स्थानांतरित किया जाए ? किस तरह कुमाऊनी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करवाया जाए? किस तरह से कुमाऊनी भाषा को राज्य में राजभाषा का दर्जा दिलवाया जाए ? इन सब पर गहन चिंतन मंथन किया गया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में सभी लोगों का व्यक्तिगत तौर पर अपना परिचय कराया गया। दूसरे सत्र में वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी ने कुमाऊनी भाषा के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर प्रकाश डाला। इसके अलावा डॉ मनोज उपरेती ने कुमाऊनी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में कैसे शामिल किया जाए ? किस तरह के प्रयास किए जाएं, और अभी तक किस तरह क्या प्रयास किए गए ? इन सब पर विस्तृत जानकारी दी । कार्यक्रम में अनेक बुद्धिजीवी और गणमान्य लोगों ने अपने वक्तव्य रखें। कार्यक्रम के अध्यक्ष डीटीयू के वाइस चांसलर धनंजय जोशी ने कुमाऊनी भाषा को शिक्षा में कैसे समाहित किया जाय , और इसे आम बोलचाल कैसे बनाया जाय इन सब पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर जोशी ने कहा की कैसे मैथिली सिर्फ दो या तीन जिलों में बोली जाने वाली भाषा को आठवीं अनुसूची में जगह मिल गई और कुमाऊनी को नहीं? इसके लिए हमें क्या प्रयास करने होंगे इन सभी जानकारी दी। दिल्ली रामजस कालेज के प्रोफेसर प्रकाश उप्रेती ने बताया कि किस तरह कुमाऊनी भाषा के विकास में युवाओं और विद्यार्थियों की भागेदारी किस प्रकार से सुनिश्चित की जाय और कैसे हम उनका ध्यान आकर्षण कर सकते हैं।
आज की गोष्ठी के संयोजक और समिति के उपाध्यक्ष सुरेंद्र हालसी ने कार्यक्रम का संचालन किया। समिति के महासचिव सुरेंद्र रावत ने संस्था के गठन उद्देश्य और क्रियाकलापों पर प्रकाश डाला। राजू पाण्डे जी ने सभी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में नीरज बवाड़ी, राजू पाण्डे, देवेंद्र बिष्ट, मनोज चंदोला, कैलाश पांडे, बीएस बिष्ट, मोहन सिंह रावत, मोहन सिंह बिष्ट, हनसा अमोला, उमेश पंत, रोशनी चमोली,प्रेमा धोनी, प्रीतम पांडे,हरीश भंडारी, रमेश कांडपाल, कन्याल, गणेश बिष्ट, रवि चतुर्वेदी, दीपा चतुर्वेदी, लक्ष्मण सिंह बिष्ट,राजेश सिंह बिष्ट, परिशा सिंह कुंवर, रमेश उपरेती, भुवन चंद्र जोशी, डाक्टर आरके ठुकराल आदि लोग सम्मिलित थे।
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