CHANDRA GRAHAN 2022 : इस बार कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर 2022 को पड़ रही है। इस दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। ऐसे में इस बार देव दिवाली 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी। ग्रहण लगने के कारण इस बार हर वर्ष की तरह कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली नहीं मनाई जाएगी।
जाने माने पंडित अनिल पुरोहित ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा और दोपहर 2.41 बजे से शाम 6.20 बजे तक रहेगा। देश के कई हिस्सों में चंद्र ग्रहण आंशिक और कई हिस्सों में पूरा दिखाई देगा।
भारत में कब दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। 8 नवंबर को सुबह करीब 8 बजकर 20 मिनट तक शुरू हो जाएगा और शाम 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा। भारत में चंद्र ग्रहण शाम 5.30 बजे के आसपास दिखाई देगा। अलग-अगल हिस्सों में ग्रहण दिखाई देने का समय भी अलग हैं।
विश्व में ग्रहण दोपहर 2.39 बजे शुरू होकर शाम 6.19 बजे तक रहेगा। चंद्रमा 50 प्रतिशत ग्रहण लगा हुआ उदय होगा। यानी 50 प्रतिशत काला, 50 प्रतिशत चमकीला नजर आएगा। ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि में घटित होगा। इस नक्षत्र, राशि में जन्मे व्यक्ति विशेष सावधानी रखें। एक मास में दो ग्रहण होना प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा देगा। धातु पदार्थों, रस पदार्थों में तेजी का दौर रहेगा। ग्रहण के समय चंद्र—राहु का सूर्य, बुध, शुक्र, केतु से समसप्तक योग बनेगा। चार ग्रह वक्री होंगे। मिथुन, कर्क,वृश्चिक, कुंभ, सिंह राशि के जातकों के लिए ग्रहण बेहतर रहेगा।
यह पड़ेगा राशियों पर प्रभाव
मेष: दुर्घटना से कष्ट
वृषभ: धनहानि का खतरा
मिथुन: उन्नति, लाभफल
कर्क: सुख, वैभव में वृद्धि
सिंह: मानहानि का भय
कन्या: शारीरिक कष्ट
तुला: दांपत्य कष्ट
वृश्चिक: अधूरे कार्य पूर्ण होंगे
धनु: चिंता पीड़ा की वृद्धि होगी
मकर: रोग, भय
कुंभ: धन लाभ
मीन: व्यय की वृद्धि होगी।
पुरोहित जी ने कहा कि ग्रहणकाल में आपको घर के अंदर ही रहना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान किसी भी तरह की पूजा पाठ या अन्य शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। लोगों का मानना है कि ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करना लाभकारी होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
इस दौरान घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए और बच्चों को भी बाहर खेलने के लिए नहीं जाने देना चाहिए।
सूतक काल या फिर ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की यात्रा या फिर व्यवसायिक गतिविधियों को करने से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण को भौतिक गतिविधियों के लिए अशुभ माना गया है।गर्भवती महिलाओं को ग्रहण और सूतक काल के दौरान विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
जितना मुमकिन हो ग्रहण और सूतक काल के दौरान घर में ही रहे। कोशिश करें कि ग्रहण की रोशनी आप पर या आपके घर के भीतर ना प्रवेश करें। यूं तो सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण को आंखों के लिए हानिकारक नहीं माना गया है लेकिन प्राचीन समय में ऋषि और मुनियों ने इसका सुझाव दिया था कि ग्रहण के दौरान कभी भी चंद्रमा को ना देखें।
ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। कहा जाता है ऐसा करने से ग्रहण का कोई भी नकारात्मक प्रभाव यदि आपके जीवन पर पड़ने वाला होता है तो वह दूर हो जाता है।
सूतक काल के दौरान कुछ भी खाने और पीने से परहेज करें।यदि भोजन बच गया है तो ग्रहण समाप्त होने के बाद इसका इस्तेमाल ना करें और नया भोजन बनाकर उसका ही सेवन करें।प्रभाव दूर करके शुभ परिणाम हासिल करना चाहते हैं तो सूतक काल और ग्रहण के दौरान जितना हो सके देवी देवताओं की पूजा में ध्यान लगाएं।
इसके अलावा यदि आप अपने जीवन में आध्यात्मिक प्रगति हासिल करना चाहते हैं या फिर अपनी जागरूकता को बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए ग्रहण के इस समय को बेहद उपयुक्त माना जाता है।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) के दौरान भगवान शिव (चंद्रमा के स्वामी) की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा से बचने में मदद मिलती है। आप निम्न मंत्र का जाप कर सकते हैं- “Om Namah Shivaya || ॐ नमः शिवाय ||”
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानियांः किसी भी ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण के दौरान आपको उपवास न करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा ज्यादा बेहतर होगा यदि आप ग्रहण शुरू होने से एक घंटा पहले संतुलित भोजन करें ऐसा आपके और आपके बच्चे के लिए अच्छा रहेगा।
ढीले और आरामदायक कपड़े पहने और अपने बालों को भी बहुत ही ढीला बांधे।
ग्रहण के दौरान अपने पास दूर्वा घास रखें।
जितना मुमकिन हो किसी भी नुकीली और तेज धार वाली चीज़ों से दूर रहे।
ग्रहण के दौरान सिलाई, कढ़ाई, बुनाई जैसा कोई भी काम ना करें।
जितना मुमकिन हो शांति से काम ले और किसी भी प्रकार का मानसिक या फिर शारीरिक तनाव न लें।
ग्रहण समाप्त होने के बाद सिर्फ एक बार स्नान करें।
संतान गोपाल मंत्र का जाप करें
|| ओम देवकी सुधा गोविंदा वासुदेव जगतपते
देहिमे तनय कृष्णन त्वामहम श्रनाम गातः||
चंद्र ग्रहण 2022 उपाय
वैदिक पुराणों के अनुसार चंद्रमा को शक्ति, ऊर्जा, भावनाओं और सपनों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है। ऐसे में जिन व्यक्तियों के जीवन में या जिनकी कुंडली में चंद्रमा से संबंधित समस्याएं होती हैं या चंद्रमा अशुभ स्थिति में मौजूद होता है उन्हें विशेष तौर पर चंद्रग्रहण के दौरान सतर्क रहना चाहिए क्योंकि उनके लिए यह समय ज्यादा मुश्किलों भरा साबित हो सकता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान जितना मुमकिन हो पूजा और ध्यान करें इस तरह देवताओं की पूजा करना शुभ साबित होता है।
ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए ॐ नमः शिवः जाप, शिव जाप, हरि-ओम मंत्र, मृत्युंजय जाप, दुर्गा मंत्र और गणेश मंत्र का पाठ करने की सलाह दी जाती है।
जो लोग अपने जीवन में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें ब्लड मून ग्रहण के दौरान रोग निवारण पूजा कराने की सलाह दी जाती है।
नाम, प्रसिद्धि, समृद्धि और जीवन में ऐश्वर्य प्राप्त करने के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान अनुष्ठान करें।
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