कठिन परिस्थितियों से जूझकर थराली के सागर पुरोहित ने जीईई एडवांस परीक्षा में प्राप्त प्राप्त की 475 वीं रैंक
कर्णप्रयाग : अगर लगन और मेहनत हो तो विषम परिस्थितियों में भी परचम लहराया जा सकता है इस बात को चरितार्थ किया है जनपद चमोली के राजकीय इंटर कॉलेज थराली के छात्र सागर पुरोहित ने। उन्होंने जीईई एडवांस की परीक्षा में आल इंडिया लेवल पर 475 वां रैंक प्राप्त किया है। उन्होंने विषम परिस्थितियों में केवल इंटरनेट के माध्यम से पढाई कर ये उपलब्धि हांसिल की।
सागर ने बताया कि घर की माली हालत ठीक न होने के कारण मैं कोचिंग नहीं ले सकता था। ऐसे में मैंने ऑनलाइन पढाई कर अपनी परीक्षा पर पूरी मेहनत से फोकस किया। इसमें परिवार ने मेरा साथ दिया और मेरे शिक्षकों ने मेरा मार्गदर्शन कर मुझे कभी भी हतोत्साहित नहीं होने दिया। उसी का परिणाम है कि आज मुझे जेईई एडवांस की परीक्षा में 475वीं रैंक प्राप्त हुई है।
बता दें कि सागर के पिता सूरज पुरोहित थराली में एक छोटी सी चाय की दुकान चलाते हैं जिसके चलते वो सागर की पढाई पर ज्यादा खर्चा नहीं कर सकते थे ऐसे में सीमित संसाधनों के बलबूते सागर ने ऑनलाइन ही अपनी तैयारी की और कड़ी मेहनत के जरिए देश की सबसे मुश्किल प्रतियोगी परीक्षा में बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है।
सागर के पिता सूरज पुरोहित ने बताया कि उनके बेटे की कामयाबी के पीछे उसकी लगन और पढाई के प्रति उसका समर्पण है। हम उसे कोचिंग देने में असमर्थ थे किंतु उसने ऑनलाइन ही इसकी पूरी तैयारी की उस पर हमें गर्व है। उसकी इस कामयाबी में उसके शिक्षकों ने भी बड़ा योगदान दिया है उसके लिए में उनका हृदय से आभारी हूँ।
जेईई प्री क्लीयर करने के बाद उसकी एडवांस की परीक्षा रूड़की में हुई थी। अब सागर की कोशिश है कि वह आईआईटी में प्रवेश लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करे। सागर ने 2020 में अपनी दसवीं की बोर्ड परीक्षा में राज्य मेरिट में 18वां स्थान प्राप्त किया था। 12वीं की इसी साल की मेरिट में भी उसने राज्य में सातवें स्थान प्राप्त किया।
एक और जहां कोचिंग इंस्टीटयूट जेईई एडवांस के छात्रों की सफलता में अपने योगदान का शोर मचा रहे हैं वहीं सीमांत कस्बे थराली के इस छात्र ने विषम परिस्थितियों में देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा में एकाग्रचित हो बड़ी सफलता प्राप्त कर एक उदहारण पेश किया है । उनकी सफलता से ये बात भी सामने आती है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल सीमांत क्षेत्रों के बच्चों की सफलता में सबसे बड़ा मददगार साबित हो सकता है। लेकिन सीमांत इलाकों में अच्छी इंटरनेट कनेक्टिवटी आज भी सपना ही बनी हुई है। पहाड़ों में आज भी 4जी इंटरनेट स्पीड़ प्राप्त नहीं हो पाती। जबकि देश के महानगरों में 5जी इंटरनेट की शुरूआत होने जा रही है।
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