द्वारका शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 99 वर्ष में हुए ब्रह्मलीन देशभर में छाई शौक की लहर
दुःखद खबर : द्वारका शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के श्रीधाम आश्रम में दोपहर 3.30 बजे अंतिम सांस ली।
जैसे ही शंकराचार्य के निधन की खबर मिली हिंदू समाज और पूरे देश में शौक व्याप्त है। सोशल मीडिया पर भी लोग एक्टिव हो गए और शोक व्यक्त करने लगे।
बता दें कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज बेंगलुरु में चल रहा था और वे हाल ही में आश्रम वापस लौटे थे। शुरूआती रिपोर्टों के अनुसार उन्हें माइनर हार्ट अटैक आया था, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें सोमवार 12 सितंबर 2022 को शाम पांच बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती आजादी के आंदोलन से लेकर राम मंदिर आंदोलन तक में काफी सक्रिय थे। आजादी की लड़ाई में कई बार जेल भी जा चुके थे।
2018 में, जगतगुरु शंकराचार्य का 95 वां जन्मदिन वृंदावन में मनाया गया था, उनका जन्म 1924 में हुआ था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुःख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर स्वामी जी को अपनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा सनातन धर्म के ध्वजवाहक पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के देहावसान का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ।
स्वामी जी का निधन संत समाज के साथ ही पूरे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मै प्रभु शिव से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं।
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