चुनावी माहौल में राजनीती पर कटाक्ष करती लोकगायक नरेंद्र सिंह
नेगी की कविता हो रही है सोशल मीडिया पर वायरल
सार-तार तेरि सब बिंगणू छौं सुभौ मा मिश्री, छुयूंमा सक्कर चुनौ को चक्कर, चुनौ को चक्कर... सोशल मीडिया पर वाइरल हो रही इस कविता में प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने रंग बदलती राजनीती पर अपने अंदाज़ में कटाक्ष किया है।
इससे पूर्व भी नरेंद्र सिंह नेगी अपनी व्यंगात्मक कविताओं से राजनीती में भूचाल ला चुके है। अपनी इस कविता में उन्होंने जहां लोगों से लोकतंत्र के उत्सव में अपनी भागीदारी निभाने का आग्रह किया है वहीँ नेताओं के आचरण पर भी जबरदस्त कटाक्ष किया है।
वायरल हो रहे वीडियो में वे कविता पढ़ते हुए दिख रहे है। कविता की शुरआत में ही वो लोगों को मतदान करने के लिए जागरूक करते हुए कह रहे हैं कि इस बार के चुनाव में नेताओं के साथ साथ हमारी भी परीक्षा की घडी है इसलिए आप अपने लोकतान्त्रिक अधिकार वोट का प्रयोग कर चरित्रवान, ऊर्जावान, ईमानदार व काम के प्रति समर्पित व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुनें।
वैसे तो राजनीती शुरू से ही रंग बदलती है लेकिन कुछ समय से नेताओं को जहां अपना हित दिखता है वे वही पलटी मार रहे है और जनता को ठगने का काम कर रहे है। इसी को देखते हुए नरेंद्र सिंह नेगी ने इस व्यंगात्मक कविता की रचना की है जिसे उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर किया है। उनके पेज पर इस कविता को लगभग 88 हज़ार से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
वायरल हो रही इस कविता के कुछ पंक्तियाँ इस तरह से है
सार-तार तेरि सब बिंगणू छौं
सुभौ मा मिश्री, छुयूंमा सक्कर
चुनौ को चक्कर, चुनौ को चक्कर...
ब्यालि परसि तक सेवा भि नि परची
आज बोनू सैरो भरोंसू त्वे पर
चुनौ को चक्कर, चुनौ को चक्कर...
एक्की टोपला म बल जुव्वां पड़ जांदन
भाजपाई छौ, अब कांग्रेसि कट्टर
चुनौ को चक्कर, चुनौ को चक्कर...
कैकु दल और कैकी नीति
हम यख छां, जख सत्ता की र्झरफर
चुनौ को चक्कर, चुनौ को चक्कर...
टिकट दावेदार मेरो सैरो परिवार
चा घोड़ा गधा हो, चा हो खच्चर
चुनौ को चक्कर, चुनौ को चक्कर...
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