गोपेश्वर : जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने आगामी 2026 में प्रस्तावित विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर अपने कार्यालय में समीक्षा बैठक की। बैठक में यात्रा से संबंधित समस्त विभागीय अधिकारियों के साथ तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा की गयी। डीएम ने संबंधित विभागों को संयुक्त टीमें बनाकर यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कहा कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग समय पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे।
जिलाधिकारी कार्यालय में हुई बैठक में बताया गया कि हिमालीय महाकुंभ नंदा देवी राजजात यात्रा करीब 280 किमी लंबी होती है। पिछली बार 2014 की यात्रा में करीब 1.50 लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में और अधिक वृद्धि की संभावना है। डीएम ने यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुचारु संपन्न कराने के लिए सभी विभागों को जिम्मेदारी के साथ काम करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार से पुलिस बल की तैनाती, जिला स्तर पर सुरक्षा कर्मियों का प्रशिक्षण, भीड़ नियंत्रण निगरानी सहित सभी जरूरी तैयारियां सुनिश्चित करने के लिए कहा। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को यात्रा मार्ग और पड़ावों पर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए। यात्रा पड़ावों पर ठहरने की क्षमता, भवनों का आकलन, वाहन पार्किंग के लिए जगह का चयन करने को कहा।
बैठक में सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, अपर जिला अधिकारी विवेक प्रकाश, डीएफओ बद्रीनाथ सर्वेश दुबे, जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़, जिला पूर्ति अधिकारी अंकित पांडेय आदि मौजूद रहे।
सर्वेश पंवार से सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने हेतु पुलिस बल की तैनाती, जनपद स्तर पर सुरक्षा कर्मियों का प्रशिक्षण, भीड़ नियंत्रण निगरानी के लिए सभी आवश्यक तैयारियां और अत्याधुनिक संसाधनों का प्रयोग कर यात्रा मार्ग पर निरंतर निगरानी करने को कहा।
श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए यात्रा पड़ावों पर होटल, गेस्ट हाउस, होम स्टे, सरकारी स्कूल और अन्य भवनों को चिन्हित कर उनकी क्षमता का आंकलन समय पर करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही स्थायी, अस्थायी और व्यक्तिगत वाहनों की पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु स्थानों का चयन सुनिश्चित करने को कहा गया।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि संबंधित विभागों की एक संयुक्त टीम गठित की जाए, जो यात्रा मार्ग का भौतिक निरीक्षण (रूट सर्वे) कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। साथ ही, वन विभाग के डीएफओ को वन क्षेत्र में यात्रा मार्ग को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सभी सम्बंधित विभागों को समयबद्ध ढंग से कार्य पूर्ण करने और आपसी समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए, ताकि यह ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और यादगार अनुभव बन सके।
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