गोपेश्वर : लगता है अब उत्तराखंड के गांवों की तस्वीर बदलने वाली है वो इसलिए कि अब यहां की युवा शक्ति देश के विभिन्न शहरों से अपनी बड़ी-बड़ी नौकरियों को छोड़कर अपने ही गांव में स्वरोजगार की ओर लौट रही है। उनके इस कदम में प्रदेश प्रशासन भी उनको हर संभव सहयोग कर रहा है।
बुधवार 30 अप्रैल को ब्लॉक ऑफिस चमोली के सभागार में एक मीटिंग आहुत की गई । इस मीटिंग में ऐसे युवाओं को आमंत्रित किया गया था जो अपने गांवों में व्यवसाय शुरू कर अन्य लोगों को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मीटिंग में ऐसे युवा व्यवसायियों को अपने व्यवसाय में आने वाली परेशानियों के निवारण के लिए कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
अधिकारियों ने स्वरोजगार कर रहे इन नए व्यवसायियों को उनके सामने आने वाली दिक्कतों को सुना और उन्हें इनसे निपटने के लिए उचित सुझाव दिए साथ ही युवाओं के क्रांतिकारी विचारों और सुझावों को भी बड़े गौर से सुना।
परियोजना निदेशक जी ने नव उद्यमियों को कुछ महत्पूर्ण जानकारियां देकर उनका मार्गदर्शन किया।
मीटिंग में हिमालयन फ्लोरा के सीईओ मुकेश सती ने भी स्वरोजगार कर रहे इन युवाओं के साथ अपने अनुभव सांझा किए और उन्हें अपनी ओर से हर संभव सहयोग देने का वादा भी किया।
इस मीटिंग में पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डा. एस.एस.नेगी, शोध अधिकारी जी.बी.चन्दानी, परियोजना निदेशक डी.आर, डी.ए. आनन्द सिंह रावत, प्रभारी खण्ड विकास अधिकारी भगवान सिंह राणा एवं दशौली ब्लॉक के गांवों के कई युवा व्यवसायी मौजूद रहे।
मीटिंग समाप्त होने के पश्चात सभी अधिकारी दशोली ब्लॉक के मैठाणा गांव के ग्रामीण मुकेश सती, ग्राम प्रधान शिव प्रसाद डिमरी व चंद्र मोलेश्वर सती की कीवी बागवानी का निरीक्षण करने के लिए गए। निरीक्षण के बाद वे गांव में हो रहे बागवानी कार्यों से काफी प्रभावित हुए और ग्रामीणों को स्वरोजगार के लिए प्रशासन की और से हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
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