रुद्रप्रयाग : देश रक्षा के लिए तैनात उत्तराखंड का एक और जवान हुआ बलिदान। जम्मू-कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में तैनात भारतीय सेना के जवान प्रमोद डबराल (30 वर्ष) विगत 12 सितंबर को ड्यूटी के दौरान बलिदान हो गए। वह भारतीय सेना की 2 गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे।
प्रमोद डबराल मूल रूप से उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि क्षेत्र के ग्राम पंचायत जवाड़ी भरदार के रहने वाले थे। उनके बलिदान होने की सूचना पर जहां उनके परिवार में कोहराम मच गया, वहीं समूचे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।
उनका पार्थिव शरीर सैन्य जवानों की अगुवाई में आज सुबह जवाड़ी गांव लाया गया। परिवार जनों और सैकड़ों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने जवान प्रमोद के अंतिम दर्शन किए। उनका अंतिम संस्कार मंदाकिनी-अलकनंदा नदी के संगमतट पर किया गया। उनके बड़े भाई नरेश डबराल ने उन्हें मुखाग्नि दी। प्रमोद डबराल अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, दो साल की बच्ची का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
जानकारी के मुताबिक प्रमोद डबराल बीती 12 सितंबर को आर्मी बस की छत पर ड्यूटी करते समय करंट लगने से झुलस गए थे, जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बलिदानी प्रमोद डबराल को श्रद्धांजलि दी। अपनी संवेदना में उन्होंने कहा कि मां भारती की सेवा करते हुए प्रमोद डबराल द्वारा दिया गया सर्वोच्च बलिदान हम सभी को राष्ट्र रक्षा के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
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