कर्णप्रयाग : चमोली जिले के प्रभारी सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी आजकल जिले के भ्रमण पर है। इस दौरन उन्होंने उन्होंने सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य विभागों की समीक्षा के साथ विभिन्न विकास कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी। ग्रामीणों ने सचिव को अपनी सबसे बड़ी समस्या जंगली जानवरों द्वारा फसलों को हो रहे भारी नुकसान के बारे में बताते हुए कहा कि रात को जंगली सुअर तो दिन में बंदर फसलों को तहस नहस कर दे रहे हैं। जिसका हमारे पास कोई हल नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कई अन्य समस्याएं भी रखीं। प्रभावी सचिव ने ग्रामीणों की समस्या जानकार अधिकारियों को उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।
अपने तीन दिवसीय जिला भ्रमण पर पहुंचे सचिव ने दशोली ब्लॉक के कोटेश्वर गांव में विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान ग्रामीणों ने बणद्वारा में सिंचाई नहर की मरम्मत, जड़ी-बूटी-बणद्वार सड़क की मरम्मत, जीआईसी बैरागना में खाली पड़ी 400 नाली भूमि पर खेल मैदान बनाने, डेयरी में दूध का उचित दाम न मिलने की समस्याएं बताई।
प्रभारी सचिव ने जंगली जानवरों को रोकने के लिए चेंनिंग फेंसिंग, घेरबाड़ कराने के साथ वैकल्पिक तरीके जैसे लेमन ग्रास, नेपियर घास और कंटीली झाडियां लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि काश्तकारों को कीवी, हल्दी, अदरक, जड़ी बूटी आदि नगदी फसल जिन्हें जंगली जानवर नुकसान नही पहुंचाते है, उनको उगाने के लिए प्रोत्साहित किया। सचिव ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि दुग्ध उत्पादकों की फीड सब्सिडी 50 फीसदी करने की मांग को लेकर शासन में वार्ता की जाएगी। उन्होंने उद्यान अधिकारी को किसानों को शीघ्र लीलियम के बल्ब भी उपलब्ध कराने के निर्देश।
सचिव ने जीआईसी व प्राथमिक विद्यालय बैरागना का निरीक्षण करते हुए नई शिक्षा नीति लागू करने के संदर्भ में प्राचार्य, प्रोफेसर, प्रधानाचार्य व शिक्षा अधिकारियों से विचार विमर्श किया। सचिव ने विद्यालयों में वोकेशनल ट्रेनिंग को अनिवार्य रूप से प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालय में पौधरोपण भी किया। सहायक प्रबंधक को औद्योगिक संस्थान कालेश्वर में खाली प्लाट जरूरतमंदों को देने के निर्देश दिए। इस दौरान डीडीओ सुशील डोभाल, एपीडी केके पंत, नायब तहसीलदार दीप्ति शिखा और मनोज तिवारी आदि मौजूद रहे।
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