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जीवन शैली में बदलाव कर और कुछ सावधानियां बरतकर कैंसर जैसे घातक रोग से बचा जा सकता है-पूरन चंद्र कांडपाल

Cancer


प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस दिन कैंसर से बचाव और उपचार के बारे में जनजागृति की जाती है।  शरीर में मौजूद कोशिकाओं यानी सेल्स में दो ऐसे बदलाव आ जाते हैं, जो नहीं आने चाहिए तब शरीर में कैंसर बनता है। पहला किसी भी कोशिका का अनियंत्रित रूप से बढ़ना और दूसरा  किसी एक ऑर्गन की सेल का बहुत अधिक बढ़ने से अपनी जगह से दूसरे ऑर्गन तक फैल जाना । इन दोनों हालत में कैंसर हो जाता है। कैंसर दुनिया भर में मौत के मुख्य कारणों में से एक है।  कैंसर के केस  लगातार बढ़ते जा रहे हैं और कोई निश्चित इलाज ना होने की वजह से मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। कई रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2040 तक हर साल 16.4 मिलियन कैंसर से मृत्यु हो सकती है और कैंसर से लाखों लोग ग्रस्त हो सकते हैं। वर्ष 2022 में भारत में करीब 14.6 लाख कैंसर के मामले सामने आए जबकि साल 2025 तक कैंसर रोगियों की संख्या बढ़कर 15.7 लाख तक होने की संभावना है।  वर्तमान में इस बीमारी को रोकने का कोई तरीका नहीं है परन्तु सर्जरी, किमोथरैपी, रेडियेशन और इम्यून थरैपी से उपचार भी हो रहा है जिससे बीमार ठीक हो रहे हैं। 

कैंसर होने के कई कारण हैं, जिसमें एक कारण हेरीडिटी (वंशागत) भी है। इसके साथ ही पर्यावरण, खानपान और जीवनशैली भी कैंसर के कारण बताए जाते हैं।  इसके अलावा सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू, धूम्रपान, शराब, धूप, प्रदूषण, तनाव, अव्यवस्थित जीवनशैली (लाइफस्टाइल) की वजह से कैंसर होता है।  कैंसर से बचने के लिए ऐसे फलों का सेवन करें जो खाने में आसान, ताजा और उच्च पानी की मात्रा वाले होते हैं, इनमें जामुन, खरबूजा, केला, अनानास, नाशपाती आदि शामिल हैं। ब्लूबेरी में कई फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व होते हैं, जो कैंसर विरोधी प्रभाव, एंटी ऑक्सीडेंट गतिविधि और डीएनए को नुकसान से बचाने की क्षमता दिखाते हैं। यह सच है कि अभी तक कैंसर की कोई कारगर दवा तैयार नहीं हुई है। लेकिन कुछ बातों का हम पहले से ही ख्याल रखें तो इस रोग से बचा जा सकता है।  

कैंसर से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां 

1. चिंता, दबाव, टैंसन, निराशा, काल्पनिक डर और अनुचित वार्तालाप से अपने को बचाए रखें।

2. ज्यादा से ज्यादा पत्तेदार सब्जियाँ, चना और फल खाने की कोशिश करें। सब्जियों और फलों में फाइबर मौजूद होता है जो रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है।  फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, ब्रोकली, गाजर, लहसुन, प्याज, अदरक, हल्दी, पपीता, कीनू, संतरे, आम, कद्दू, अंगूर, टमाटर, तरबूज, फलियां और दाल के सेवन से भी कैंसर रोग से बचा जा सकता है।  

3. शक्कर या मीठे का सेवन कम-से-कम करें। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि महिलाओं में कोलोरेक्टल कैंसर की सम्भावना शक्कर के सेवन से काफी बढ़ जाती है।

4. खाने का तेल इस्तेमाल करने से पहले यह देख लें कि आप जो तेल खाने जा रहे हैं वह स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है। ऑलिव ऑयल या फिर कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल भोजन पकाने में किया जा सकता है। 

5. जहाँ तक संभव हो इलेक्ट्रॉनिक चीजों का इस्तेमाल कम ही करें।

6. गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल लम्बे समय तक न करें। गर्भनिरोधक के ज्यादा लम्बे समय तक प्रयोग करने से औरतों में स्तन कैंसर या लीवर कैंसर होने का खतरा रहता है। साथ ही यह हृदयघात की सम्भावना को भी बढ़ाता है। 

7. अपने शरीर के वजन को संतुलित रखें। मोटापे से स्तन कैंसर और मलाशय कैंसर का डर बना रहता है।

8. वातावरण में फैल रहे प्रदूषण से खुद को यथासंभव बचाने का प्रयास करें।

9. भरपूर नींद लें। सामान्यतः 7 से 8 घंटे सोना पर्याप्त माना जाता है।

10. धूम्रपान न करें। खैनी, गुटका, जर्दा, तंबाकू, पुड़िया आदि किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें। 

11. शारीरिक काम करते रहें । खुद को व्यस्त रखें। रोजाना व्यायाम करें तो और भी बेहतर परिणाम होंगे।

12. नमक का सेवन संतुलित मात्रा में करें। ज्यादा नमक खाने से पेट का कैंसर हो सकता है और बीपी भी बढ़ता है। 

13. सबसे महत्पूर्ण बात कि अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखें। ज्यादा भावुक होना भी कैंसर को न्यौता देना है। आप अगर पौष्टिक आहार ले भी रहे हैं और आप भावनात्मक रूप से कमजोर हैं तो पौष्टिक आहार भी अपना प्रभाव नहीं दिखा पाएगा।

14. हमेशा साकारत्मक सोचें, कुछ न कुछ अध्ययन जरूर करें, अंधविश्वास से दूर रहें, निराकार ईश्वर का स्मरण करें, कर्मपूजक बनें। 

15. पैपिलॉमा वायरस से ग्रसित व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाने से बचें। (लेख के कुछ अंश साभार सो.मीडिया)

पूरन चंद्र कांडपाल

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