जोशीमठ : नगर में पिछले वर्ष से ही जमीन धंसने से लोगों के मकानों में दरारें पड़ने के कारण वहां रह रहे लोगों में दहशत है। इस मामले में प्रशासन ने सर्वे भी कराया था पर उस पर कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है।
सोमवार देर रात को भू-धंसाव में अचानक से तेजी आने के कारण घरों के शीशे चटकने की आवाजें सुनकर लोग दहशत में आकर घरों से बाहर निकल आये और इस हाड कंपाती सर्दी में उन्हें रात सड़क पर काटनी पड़ी। एकाएक भू-धंसाव होने से नगरवासी काफी डरे हुए हैं। मंगलवार सुबह प्रशासन ने प्रभावित पांच परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया।
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लगातार हो रहे भू धंसाव से जोशीमठ नगर के निवासी भय के साये में जी रहे हैं। यहां जमीन फटने और उससे पानी निकलने के कारण लोगों के मकानों में चौड़ी चौड़ी दरारें आ गई है। उनके सामने इस समय दो संकट खड़े हो गए हैं एक तो मकान खतरे में है उस पर कड़ाके की ठंड में रात बिताना मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना है कि दरारों से आ रही ठंडी हवा से घरों में रात बिताना मुश्किल हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार देर रात को मांउट ब्यू और मलारी इन होटल के आगे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दरारें बढ़ने के साथ-साथ भूमि के अंदर से डरावनी आवाजें भी आई, जिससे भयभीत लोग रातभर खुले आसमान के नीचे कड़कड़ाती ठंड में रहने को मजबूर हुए। नगर के मारवाड़ी, सिंहधार और मनोहर बाग़ में जगह जगह जमीन धंस गई है और घरों में दरारें आ गई है व पुरानी दरारें चौड़ी हो गई है। जबकि सिंहधार में किराये पर रह रहे 9 परिवारों ने डर से अपने माकन खली कर दिए हैं। भू धंसाव से प्रभावित पांच परिवारों को नगरपालिका और ब्लॉक कार्यालय परिसर में शिफ्ट किया गया है।
सीएम धामी ने भू-धंसाव पर मांगी विस्तृत रिपोर्ट
इस समस्या पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली के जिलाधिकारी को मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और प्रभावित लोगों को यथा संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट के आधार पर ही स्थानीय लोगों और कारोबारियों के हित में उचित निर्णय लिया जायेगा।
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