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उत्तराखंड लोकभाषा साहित्य मंच और गढ़वाल अध्ययन प्रतिष्ठान द्वारा उत्तराखंड साहित्योत्सव 2022 के साथ ही पुस्तक लोकार्पण का आयोजन

साहित्योत्सव
साहित्यिक परिचर्चा व पुस्तक लोकार्पण : रविवार 20 नवंबर को उत्तराखण्ड लोकभाषा साहित्य मंच एवं गढ़वाल अध्ययन प्रतिष्ठान के तत्वधान एवं गढ़वाल हितैषणी सभा के सहयोग से उत्तराखण्ड साहित्योत्सव-2022 का आयोजन गढ़वाल भवन, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली चौक, पंचकुइया रोड नई दिल्ली में किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ. जीतराम भट्ट सचिव गढ़वाली कुमाउनी जौनसारी भाषा अकादमी एवं घमंडी लाल अग्रवाल वरिष्ठ साहित्यकार थे। यह आयोजन तीन सत्रों में आयोजित किया गया। आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार ललित केशवान जी ने की।

पहले सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथियों और वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा द्वीप प्रज्वलित और डॉ. कुसुम भट्ट द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुआ। तत्पश्चात कुछ वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मानित करने के बाद लेखिका रामेश्वरी नादान की 3 कृतियों का लोकार्पण हुआ
दूसरे सत्र में गढ़वाली कुमाउनी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु मंचासीन वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किये। जिसमें प्रमुखत: हिन्दी गढवाली कुमाउनी अकादमी सचिव डॉ जीत राम भट्ट, गढ़वाल अध्ययन प्रतिष्ठान के सरंक्षक श्री ब्रह्मानंद कगडियाल, रमेश चंद्र घिल्डियाल, जयपाल सिंह रावत, दर्शन सिंह रावत, सुश्री नीरजा मेहता, डॉ हेमा उनियाल, पत्रकार चारू तिवारी, मनोज कामदेव, पयाश पोखड़ा, श्री बिष्ट 'हंसमुख', ओमप्रकाश आर्य ने अपने वक्तव्य दिए।
तीसरे सत्र में हिन्दी व गढ़वाली के वरिष्ठ साहित्यकार श्री रमेश चन्द्र घिल्डियाल की 70 वीं वर्षगाँठ पर सम्मान समारोह, भव्य कवि सम्मेलन एवं संगीत संध्या का आयोजन किया गया। कविता पाठ करने वाले कवियों में पयास पोखड़ा, दर्शन सिंह रावत, बृजमोहन वेदवाल, जगमोहन रावत जगमोरा, प्रतिबिंब बड़थ्वाल, चंदन प्रेमी, दीन दयाल बंदूनि, जब्बर सिंह कैंतुरा, प्रदीप खुदेड़, विरेंद्र जुयाल उपिरि, द्वारिका चमोली, अनूप सिंह नेगी खुदेड़, ओमप्रकाश आर्य, हंसमुख जी, ओम ध्यानी, सुशील सेमवाल, रावत जी, गोविंद राम पोखरियाल साथी, रामेश्वरी नादान, कुसुम भट्ट और लक्ष्मी नौडियाल प्रमुख थे।

उत्तराखंड लोकभाषा साहित्य मंच के संरक्षक दिनेश ध्यानी ने उत्कृष्ट मंच संचालन तो किया ही साथ ही नवांकुर साहित्यकारों को भी प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर अनेकों साहित्यकार, पत्रकार, प्रबुद्धजन और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। अंत में लेखिका रामेश्वरी नादान के पतिदेव धीरू बर्तवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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