फूलों की घाटी में हल्दीय फूल (पेडिकुलेरिस) की रंगत और खुश्बू
के दीवाने हो रहे पर्यटक
कर्णप्रयाग : चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में इन दिनों विभिन्न प्रजाति के फूल खिले होते हैं जिनकी रंगत देखने के लिए विश्वभर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं। इस बार घाटी में हल्दीय फूल (पेडिकुलेरिस) गत वर्षों के मुकाबले अधिक मात्रा में खिला है जो देखने में बहुत ही आकर्षक होने के साथ साथ पूरी घाटी में अपनी ख़ुश्बू बिखेर रहा है।
बद्रीनाथ धाम के नज़दीक इस घाटी में अनेकों वर्षों पूर्व से ही स्वतः खिलने वाले लगभग 300 से अधिक प्रजाति के फूल देशी-विदेशी प्रयटकों को लुभाते रहे हैं। यही कारण है कि इसे फूलों की घाटी नाम दिया गया। इस बार यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को हल्दीय फूल (पेडिकुलेरिस) सबसे अधिक लुभा रहा है। दूर दूर तक फैली घाटी में यह फूल पिछले वर्षों की तुलना में बहुत अधिक संख्या में खिला है जिससे घाटी हल्दी की तरह दिखाई दे रही है। घाटी में प्रवेश करते ही पर्यटक इस फूल की रंगत और खुश्बू के कायल हो रहे हैं।
बनस्पति शास्त्रियों का कहना है की यह एक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग बुखार और इन्फेक्शन को रोकने में काफी लाभदायक होता है। उनका कहना है कि फूलों की घाटी में इस वर्ष इस पौधे के अत्यधिक मात्रा में खिलने की वजह यह है कि विगत दो सालों से घाटी में पर्यटकों की आवाजाही सिमित संख्या में हुई। इस फूल का पौधा बहुत छोटा होता है जो अधिक मात्रा में लोगों की आवाजाही से पैरों से कुचल जाता है जिस कारण यह सही से पनप नहीं पाता।
इन दिनों घाटी में हर पल मौसम बदल रहा है बारिश की वजह से घाटी में दूर-दूर तक बुग्याल फैला हुआ है और फूल अपनी रंगत बिखेर रहे हैं जिसे देखने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
यदि आप भी फूलों की घाटी के आकर्षण में बंध कर वहां जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि जाने से पहले मौसम की जानकारी लेना न भूलें और अपने साथ गर्म कपडे अवश्य रखें।
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