कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाया। भाजपा से बढ़ रही थी नजदीकियां
देहरादून: पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस प्रदेश संगठन और पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बीच तलवारें खींची हुई थी यही कारण है कि वे कुछ समय से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में थे किंतु जब किशोर उपाध्याय से इस बाबत सवाल किया गया तो वह यही कहते रहे कि वह अपने संगठन के कामों को लेकर उनसे मिल रहे हैं। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि किशोर उपाध्याय किसी भी समय भाजपा के हो सकते हैं।
बता दें कि किशोर उपाध्याय अभी कुछ दिन पहले बीजेपी के संगठन मंत्री अजेय कुमार से मिलने उनके घर पहुंचे थे। जब मीडिया ने उनसे इस विषय में कुछ जानना चाहा तब भी वह मीडिया को टालते रहे। लेकिन अब जिस प्रकार से कांग्रेस आलाकमान ने किशोर उपाध्याय पर कार्रवाई कर और उनसे पार्टी के सभी पद छीन लिए है तो यह साफ हो जाता है कि किशोर उपाध्याय कभी भी बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।
लेकिन किशोर उपाध्याय के भाजपा में जाने पर भी राह इतनी आसान नहीं होगी । क्योंकि अगर किशोर उपाध्याय को भाजपा टेहरी विधानसभा से टिकट देती है तो मौजूदा सीटिंग विधायक धन सिंह नेगी पहले ही उनका मुखर होकर विरोध कर रहे हैं। धन सिंह नेगी ने उन पर और उनके भाई पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में अगर किशोर उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाते हैं और पार्टी उन्हें टिकट देती है तो क्या धन सिंह नेगी शांत बैठेंगे यह बड़ा सवाल होगा।
लेकिन अभी देखने वाली बात होगी किशोर उपाध्याय कब बीजेपी का दामन थामते हैं। क्या बीजेपी उनको टिहरी विधानसभा या किसी और विधानसभा से चुनाव लड़ाने का ऐलान करती हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या किशोर उपाध्याय जीतने में कामयाब होंगे क्योंकि बीजेपी के मूल कार्यकर्ता पहले ही ये स्पष्ट कर चुके हैं कि बाहरी व्यक्तियों को अगर टिकट दिया जाएगा तो वह उनका विरोध करेंगे । ऐसे में देखना होगा कि क्या किशोर उपाध्याय के बीजेपी ज्वाइन करने पर राह आसान होगी ।
बता दें कि उपाध्याय 2002 और 2007 में विधायक रह चुके हैं और 2014 से 2017 के बीच उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष भी। एनडी तिवारी सरकार में भी मंत्री रह चुके उपाध्याय को उत्तराखंड की राजनीति में अहम नेता के तौर पर देखा जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से वह कांग्रेस के भीतर उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
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