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स्वाद के साथ साथ पौष्टिकता का खजाना है पिस्युं लूंण Home Made Salt



स्वाद के साथ साथ पौष्टिकता का खजाना है पिस्युं लूंण Home Made Salt (हरा नमक )

उत्तराखंड केवल चार धाम या फिर प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि यहां के खान पान का ज़ायका भी न केवल मुंह का स्वाद बढ़ाता है बल्कि हमारी सेहत को भी दुरस्त रखता है। वर्षों पूर्व जब पहाड़ों में संसाधनों की कमी थी तो लोगों ने खेती में मेहनत के बलबूते ही अपनी जीविका चलाई, पहाड़ पर खेती करना एक जटिल व बहुत ही मेहनत का कार्य था और महिलाओं को तो घर के कार्य के अलावा पशु चारा, चूल्हे के इंधन के लिए लकड़ियां लाना और खेती के कार्य भी करने पड़ते थे जिस कारण उनका जीवन सुबह आंख खुलने से रात आंख लगने तक व्यस्तता में ही व्यतीत हो जाता था। कई बार तो ऐसा होता था कि उन्हें सुबह नाश्ता करने तक का समय नहीं होता था ऐसे में वो कुछ रोटियां और प्याज के साथ पिस्युं लूंण (हरा नमक) अपने साथ रख लेती थी और जब भी जंगल या खेत में  समय लगता इसे बड़े चाव से खा लेते थे।  आप सोच रहे होंगे कि इतनी मेहनत करते हैं और खाना नमक के साथ रोटी तो आपको बता दें कि हरा नमक केवल नमक नहीं है बल्कि पौष्टिकता के साथ-साथ पाचनक्रिया को भी दूरस्थ रखता है। उत्तराखंडी खान-पान में ये विशेष महत्व रखता है क्योंकि चटपटा होने के साथ ही इसके पौष्टिक गुण लोगों को खूब भाते हैं। 


चूंकि पहाड़ में रोजगार के संसाधन नहीं थे और लोग केवल कृषि पर आधारित थे ऐसे में कभी बारिश न हुई या फिर जंगली जानवरों द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाया जाता था तो उनके सामने बड़ी विकट समस्या आ जाती थी ऐसे में वो आसपास जो भी संसाधन होते थे उन्हीं से अपने भोजन की व्यवस्था करते थे।  अब जब कई बार दाल या सब्ज़ी नहीं मिलती थी तो वे पिस्युं नमक(हरा नमक) का इस्तेमाल करते थे इसमें नमक के साथ  हरा धनिया, लहसुन, अदरक, कच्चा प्याज, जीरा, अजवाइन, राई के बीज एवं हरी मिर्च को बारीक़ पीसकर उसे किसी डब्बे में बंद कर रख दिया जाता था और फिर जरुरत पड़ने पर इस्तेमाल करते थे।  पहले पहले तो इसका इस्तेमाल रोटी के साथ ही होता था फिर काखड़ी(ककड़ी) के साथ होने लगा ऐसे चलते चलते माल्टा की खटाई में भी इसका इस्तेमाल उसके स्वाद और ज़ायके को और बढ़ाने लगा।  जैसे जैसे लोगों का जीवन स्तर सुधरा तो खाने में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनने लगे लेकिन पहाड़ियों को तो हरा नमक इतना भा गया कि इसके बगैर खाने का आनंद ही नहीं आता और तो वे अब तो वे सलाद में भी इसका उपयोग करने लगे हैं। इसका असली मजा तभी आता है जब ये सिलबट्टे में पीसा जाए क्योंकि ऐसा करने से इसके पौष्टिक तत्व नष्ट नहीं होते।

जैविक विज्ञान के आधार पर जाने इनके गुण  

विशेष प्रकार के इस पिस्युं लूंण में जो भी सामग्री मिलाई जाती है उन सभी में प्रोटीन, विटामिन,आइरन, फास्फोरस, कार्बोहाइट्रेट के अतरिक्त बहुत से गुण पाए जाते है आइए जानते है कौन कितना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है। 

धनिया- इसकी हरी पतियों में डायटरी फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है और विटामिन A & C, कैल्सियम, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम और प्रोटीन की खूबियों लिए हुए होता है।  

लहसुन-  इसमें प्रोटीन 6.3 प्रतिशत , वसा 0.1 प्रतिशत, कार्बोज 21 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1 प्रतिशत, चूना 0.3 प्रतिशत लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ए, बी, सी एवं सल्फ्यूरिक एसिड विशेष मात्रा में पाई जाती है।

जीरा -जीरे में विटामिन-सी, विटामिन-के, विटामिन-बी 1, 2, 3, विटामिन-ई, प्रोटीन, कैल्शियम, मेग्नेशियम, पोटेशियम, जिंक, कॉपर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट जैसे तमाम तत्व पाए जाते हैं जो इसकी गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक हैं। 

प्याज- इसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री, एंटी-एलर्जिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण तो होते ही है भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी6, बी-कॉम्प्लेक्स और सी भी पाया जाता है साथ ही आयरन, फोलेट और पोटैशियम जैसे खनिज भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। 

हरी मिर्च- कई तरह के पोषक तत्वों जैसे- विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है।  इसके अलावा इसमें बीटा कैरोटीन, क्रीप्टोक्सान्थिन, लुटेन -जॅक्सन्थि‍न आदि स्वास्थ्यवर्धक चीजें मौजूद हैं

अजवाइन- अजवाइन में फाइटोकेमिकल जैसे कार्बोहाइड्रेट्स, ग्लाइकोसाइड्स, सैपोनिन्स फिनोलिक यौगिक या कम्पाउन्ड होता है। इसके साथ-साथ प्रोटीन, फैट, फाइबर और मिनरल जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और निकोटिनिक एसिड और एसेनशियल ऑयल होता है जो खाने का स्वाद और फ्लेवर बढ़ाने में मदद करता है।

आप समझ सकते हैं कि उपरोक्त गुणों का खजाना आपको पिस्युं लूंण (हरा नमक) में मिल जाता है जो आपके इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाता है। इसके इन्ही गुणों को देखते हुए पहाड़ के कुछ युवाओं ने इसे कई फ्लेवर में बाजार में उतारा है जिसे लोग हाथों हाथ ले रहे है।  पौष्टिक मिनरलों से भरपूर इस नमक की मांग देश में ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी होने लगी है। आजकल देश में कोरोना चल रहा है ऐसे में खुद को स्वस्थ रखने के लिए हमारी यही राय है कि आप भी अपने भोजन में इसे शामिल करें।

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