सिमली : सिद्धपीठ श्री गोल गोविंद गुणसॉई मां राजराजेश्वरी चंडिका देवी सिमली की दिवारा यात्रा के दौरान मंगलवार को पिंडर नदी के तट पर समुद्र मंथन महोत्सव पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। समुद्र मंथन देखने के लिए गैरोली, सिमली, सेनू, सुदरगांव, जाख, कोली, पुडियाणी, चमोला, कर्णप्रयाग, बणगांव, मज्याड़ी, आदिबदरी, राड़खी, देहरादून सहित पिंडरघाटी व गैरसेंण क्षेत्र से हजारों लोग सिमली पहुंचे। इस दौरान पुलिस, एसडीआरएफ की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। समुद्र मंथन के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
मंगलवार को सिमली बाजार में हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार 33 कोटी देवी देवताओं का जागरण हुआ। इसके बाद मांडेधार पिंडर नदी के तट पर मां चंडिका की डोली यात्रा पहुंची। श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा के साथ देवी का भव्य स्वागत किया। पिंडर नदी के तट पर समुद्र मंथन के दौरान एक तरफ जहां भगवान विष्णु, ब्रह्मा, शिव और दूसरी ओर पिंडर नदी से राक्षसगण रहे। समुद्र मंथन में 14 रत्न निकले जिसमें देवताओं को अमृत प्राप्त हुआ और राक्षसों को विष। हजारों लोगों ने देवताओं और दैत्यों का अमृत पीने के लिए हुआ संर्घष देखा। सभी श्रद्धालुओं को अमृत स्वरुप प्रसाद वितरित किया गया। जिसके बाद देव जागरों के माध्यम से समुद्र मंथन की गाथा गाकर अनुष्ठान संपन्न किया गया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत टकोला ने बताया कि समुद्र मंथन के बाद दिवारा यात्रा सिमली गांव पहुंच गई है। चंडिका देवी की दिवारा यात्रा 7 सितंबर 2024 से शुरू हुई थी। यात्रा 187 पड़ावों का भ्रमण कर चुकी है। इस बार यह यात्रा 14 साला बाद आयोजित हुई।
महोत्सव में हजारो संख्या में श्रद्धालु उमड़े और उन्होंने देवी मां के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसके चलते महोत्सव निर्विघ्न रूप से संपन्न हुआ और श्रद्धालुओं ने बिना किसी असुविधा के दर्शन किए।
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