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उत्तराखंड : चंपावत में रातभर तेंदुए के साथ सोया परिवार बुजुर्ग ने अपनी सूझ बुझ से बचाई अपनी व परिवार की जान

उत्तराखंड : चंपावत में रातभर तेंदुए के साथ सोया परिवा बुजुर्ग ने अपनी सूझ बुझ से बचाई अपनी व परिवार की


Karnprayag : कुमाऊं मंडल के जिला चंपावत में एक बुजुर्ग ने अपनी सूझबूझ व साहस से अपनी तथा अपने परिवार की तेंदुए से जान बचाई। जिले के सूखीढांग क्षेत्र के चौड़ाकोट गांव के बुजुर्ग अपने परिवार के साथ घर के एक कमरे में सोए हुए थे। वहीं घर की दुछत्ती में एक तेंदुआ शिकार की तलाश में घात लगाए छुपा हुआ था, जिसकी परिवार को कोई भनक नहीं लगी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक चौड़ाकोट गांव के 82 वर्षीय लाल सिंह अपनी पत्नी चंद्रावती के साथ अपने मकान के एक कमरे में अपने परिवार के साथ सोए हुए थे। कमरे की दुछत्ती में एक तेंदुआ कुत्ते के शिकार की फिराक में घात लगाकर छिपा हुआ था। परिवार रातभर तेंदुए के साथ सोता रहा। नींद में सोए लाल सिंह और उनकी पत्नी को इसकी भनक तक नहीं लग पाई।

लाल सिंह ने बताया कि गुरुवार सुबह चार बजे जब वह लघुशंका के लिए बाहर गए तो उनके साथ पालतू कुत्ता भी बाहर आया । लघुशंका के बाद लाल सिंह भीतर आए और लाइट बंद कर कुंडी लगाकर सो गए थे। कुछ ही देर बात कुत्ता दुछत्ती की ओर देखकर जोर-जोर से भौंकने लगा। इस पर लाल सिंह ने दुछत्ती की ओर टार्च की रोशनी की तो ऊपर छिपे तेंदुए को देख उनके होश फाख्ता हो गए। उन्होंने बताया कि इसके बाद तेंदुए ने उनपर हमला कर दिया और इधर उधर कूदकर हमें अपना शिकार बनाने के लिए लगातार हमपर हमला करने लगा, करीब आधा घंटे तक संघर्ष करने के बाद मैं किसी तरह अपनी पत्नी और कुत्ते सहित घर से बाहर भागा। उसके बाद बाहर से कुंडी लगाकर तेंदुए को कमरे में कैद कर दिया। फिर उन्होंने ऊपरी मंजिल पर सो रही अपनी पुत्री और पोती अंकिता को बाहर निकाला और मेन गेट बंद कर दिया। फिर घटना की जानकारी अन्य ग्रामीणों को दी। फिर सबने मिलकर वन विभाग और पुलिस को इसकी जानकारी दी।

मौके पर पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम दिनभर तेंदुए को पकड़ने में मसकत करती रही। इस दौरान तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगा दिया गया था। तेंदुआ सुबह 4 बजे से रात दस बजे तक घर के कमरे में ही रहा। रात करीब दस बजे तेंदुआ पिंजरे में फंसा। लेकिन कुछ देर बाद ही पिंजरे में लगी प्लाई तोड़कर जंगल की ओर भाग गया था।

वृहस्पतीवार को करीब एक घंटे तक तेंदुए से संघर्ष में बुजुर्ग लाल सिंह और उनकी पत्नी घायल हो गए थे। इस हमले में लाल सिंह की बांयींं आंख में चोट आई है। दूसरे दिन शुक्रवार को उनका बेटा नाथ सिंह उनको व मां चंद्रा देवी को वाहन से उपजिला अस्पताल पहुंचे और दोनों का इलाज कराया। 

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