SHAILESH MATIYANI AWARD : उत्तराखंड शिक्षा विभाग की ओर से शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार 2023 की घोषणा कर दी गई है। राज्य में शिक्षा के उन्नयन एवं गुणात्मक सुधार हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले 17 शिक्षकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक प्रारंभिक शिक्षा के 11, माध्यमिक शिक्षा के 5 और प्रशिक्षण संस्थान से 1 शिक्षक का इस सम्मान के लिए चयन हुआ है। सबसे अधिक जनपद पौड़ी से तीन शिक्षकों का चयन हुआ है।
जनपद चमोली के पोखरी ब्लाॅक के राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय वीणा की शिक्षिका कुसुमलता गडिया का भी चयन शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार-2023” के लिए हुआ है। इनके द्वारा शुरू किया गया शिक्षा का वीणा माॅडल आज लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है।
जानते हैं क्या है शिक्षा का वीणा मॉडल
शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए ही इस मॉडल को तैयार किया गया है। क्योंकि पहले कहा जाता था कि उत्तराखंड के स्कूलों में शिक्षा का कोई मॉडल नहीं होता। लेकिन शिक्षिका कुसुम लता गडिया ने अपने प्रयासों से विद्यालय में लर्निंग कॉर्नर, पेंटिंग, टीएलएम, ऑनलाइन क्लासेज, वाल पेंटिंग, पोस्टर अभियान के जरिए छात्र छात्राओं को गुणवत्ता पूरक शिक्षा से जोडा। उनकी मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि रा.उ.प्रा.वि. वीणा गुणवत्ता पूरक शिक्षा का केंद्र बना हुआ है। शिक्षिका गडिया का मानना है कि शिक्षा बेवजह थोपी नहीं जानी चाहिए बल्कि रूचिकर शिक्षा से ही छात्र छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया जाना चाहिए। साथ ही विद्यालय में शिक्षा के लिए स्वस्थ माहौल होना बेहद जरूरी है। बच्चों के हुनर को सामने लाने के लिए उनके द्वारा समय समय पर विद्यालय में अन्य शैक्षणिक गतिविधियाँ, सांस्कृतिक गतिविधियां व खेलकूद प्रतियोगिता भी संचालित की जाती है। जिससे कि छात्रों का मनोबल बढ़े और वे पूरे आत्मविश्वास के साथ बेहतर मंच हांसिल कर सकें । यही नहीं कोरोना काल में भी शिक्षिका ने अपने स्कूल के छात्र छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जबकि विभिन्न राज्यों के विद्यालयों के लिए पाठ्यक्रमों का ऑनलाइन लर्निंग वीडियो बनाकर पढ़ाई का बेहतर साधन उपलब्ध कराया। कुसुमलता जी के शिक्षा में किए गए प्रयोगों के लिए उन्हें राज्य से लेकर राष्टीय स्तर तक दर्जनो सम्मान मिल चुके हैं।
शिक्षण को रुचिकर बनाने के लिए क्यू आर कोड की खोज
रा.उ.प्रा.वि. वीणा की शिक्षिका कुसुमलता जी ने शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कोरोनाकाल में लॉकडॉन का फायदा उठाते हुए एक क्रांतिकारी प्रयोग कर शिक्षा को ओर भी रुचिकर बना दिया है ।उन्होंने लाॅकडाउन में दिन रात एक करके, इंटरनेट की खाक छानकर स्कूल की बेजान दीवारों पर 'क्यू आर कोड' के जरिए शिक्षा को एक नई दिशा दी है। वीणा उत्तराखंड का पहला विद्यालय होगा जहां क्यू आर कोड का प्रयोग शिक्षण को रूचिकर और सुगम बनाने में किया जा रहा है। शिक्षा के वीणा माॅडल की हर जगह प्रशंसा हो रही है।
कैसे काम करता है क्यू आर कोड
आपने देखा होगा कि अधिकतर विद्यालयों की दीवारों विभिन्न प्रकार के चित्र बने होते हैं। विद्यार्थियों के बीच उन चित्रों को देखकर उनके विषय में जानने की उत्सुकता बनी रहती है लेकिन वे उनसे सम्बन्धित जानकारियों से अनभिज्ञ रह जाते हैं । लेकिन कुसुमलता जी के प्रयासों से अब विद्यालय की प्रत्येक शिक्षण/सीखने की सामग्री (TLM) और चित्रों पर क्यू आर कोड लगाया गया है जिसे गुगल लेंस से स्केंन करते ही उस चित्र से सम्बन्धित विडियो हमारे मोबाइल पर शुरू हो जायेगी। शिक्षिका ने बताया कि क्यू आर कोड से शिक्षण रूचिकर बनेगा साथ ही हम विद्यार्थियों को बाहरी ज्ञान से भी जोड़ सकते हैं। रा.उ.प्रा.वि. वीणा के प्रत्येक सामान पर भी क्यू आर कोड लगाया गया है।
इन 11 प्राथमिक शिक्षकों को मिलेगा यह पुरस्कार
प्रारंभिक शिक्षा में पौड़ी जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नगर क्षेत्र कोटद्वार के प्रधानाध्यापक नफीस अहमद, चमोली जिले की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय वीणा की कुसुमलता गड़िया, उत्तरकाशी जिले के प्राथमिक विद्यालय वीरपुर डुंडा की कुसुम चौहान, देहरादून जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भूड़पुर सहसपुर की सुमन चमोली, टिहरी के प्राथमिक विद्यालय तपोवन नरेंद्रनगर की कंचन बाला, रुद्रप्रयाग जिले के प्राथमिक विद्यालय जाबरी अगस्त्यमुनि की अरुणा नौटियाल, चंपावत के प्राथमिक विद्यालय गागर पाटी के खड़क सिंह बोरा, बागेश्वर जिले के जूनियर हाईस्कूल करुली के नरेंद्र गिरी, नैनीताल के प्राथमिक विद्यालय नाईसेला भीमताल की डा. भावना पलड़िया, पिथौरागढ़ जिले के प्राथमिक विद्यालय जाजर चिंगरी मूनाकोट के चंद्रशेखर जोशी एवं अल्मोड़ा जिले के प्राथमिक विद्यालय चिलियानौला ताड़ीखेत के राम सिंह को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार दिया जाएगा।
इन 5 माध्यमिक शिक्षकों को मिलेगा यह पुरस्कार
माध्यमिक शिक्षा में इस पुरस्कार के लिए जीआईसी सेंधीखाल पौड़ी के दौलत सिंह गुसांई, जीआईसी कासमपुर बहादराबाद हरिद्वार के राजेंद्र कुमार, राउमावि महरागांव भीमताल जिला नैनीताल के डा. प्रदीप कुमार उपाध्याय, जीआईसी लोहाघाट चंपावत के श्याम दत्त चौबे एवं जीआईसी दिनेशपुर जिला ऊधमसिंह नगर के प्रधानाचार्य डा. मधुसुदन मिश्र का चयन किया गया है,
प्रशिक्षण संस्थान से इन्हें मिलेगा सम्मान
प्रशिक्षण संस्थान से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव के डॉक्टर नारायण प्रसाद उनियाल को यह सम्मान दिए जाने का फैसला लिया गया है।
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