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उत्तराखंड के इस इलाके में विवाह समारोह में डीजे की जगह बजेंगे पहाड़ के पारम्परिक वाद्य यंत्र नशा करने वालों पर लगेगी लगाम

 ढोल दमाऊ


Traditional mountain instruments will be played instead of DJ in wedding ceremonies : रविवार को जौनसार के डिंयूडीलानी में खत फरटाड़ के 18 गांवों के लोगों ने महापंचायत कर विवाह समारोह में नशा करने व डीजे बजाने पर पूरी तरह रोक लगाने संबंधी कई अहम निर्णय लिए। नियम के विपरीत कार्य करने पर संबंधित व्यक्ति व उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया गया। 

फरटाड़ खत से जुड़े लखस्यार, फरटाड़, धिरोई, खाडी, लुहन, सिंगोठा, लोहारना, मुंशी गांव, ठलीन, बढैत, कामला, पिनगिरी समेत 18 गांव के लोगों की डिंयूडीलानी में महापंचायत हुई। इसकी अध्यक्षता सदर स्याणा बिजेंद्र सिंह तोमर और खाग स्याणा सुरेंद्र सिंह तोमर ने की। बिजेंद्र सिंह तोमर और सुरेंद्र सिंह तोमर ने सभी ग्रामीणों से पारित नियमों को कड़ाई से लागू करने को कहा। 

डीजे की जगह लेंगे पहाड़ के पारंपरिक वाद्य यंत्र 

महापंचायत में सभी की सहमति से 15 बिंदुओं पर प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें खतवासियों ने विवाह समारोह में नशा करने व डीजे बजाने पर पूरी तरह रोक लगाते हुए उसकी जगह पहाड़ के पारंपरिक वाद्य यंत्रो का इस्तेमाल करने को कहा है। इसके साथ ही फास्ट एवं ड्राई फूड प्रतिबंधित होगा व शादी में प्रत्येक रइणी (विवाहिता महिलाओं) को आधा किलो घी का डब्बा देने पर भी रोक लगा दी गई है।

रइणी भोज में खाने में घी दिया जाएगा। रइणियों को शगुन के तौर पर 101 रुपये का टीका लगाया जाएगा। परिवार में पहली शादी होने पर मामाकोट की तरफ से एक बकरा व भारा (राशन) दिया जाएगा। 

खत से जुड़े सभी 18 गांवों में अनजान व्यक्तियों के रेहडी-ठेली व फेरी लगाने को प्रतिबंधित किया गया है। खतवासियों ने आगामी गनियात बिस्सू मेले का आयोजन नागीबागी में परंपरागत तरीके से जश्न मनाने का निर्णय लिया। सदर स्याणा व खाग स्याणा ने कहा बैठक में पारित नियमों को पूरी खत में सभी के सहयोग से कड़ाई के साथ लागू किया जाएगा।

नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। सामाजिक हित में की गई इस पहल का लोग फरटाड़ खतवासियों की सराहना कर रहे हैं। 


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