नई दिल्ली: रविवार 6 अगस्त 2023 को बड़थ्वाल कुटुंब संस्था द्वारा अपने स्थापना दिवस पर दिल्ली के पंचकुइया रोड, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली चौक स्थित गढ़वाल भवन, में भाषा, साहित्य, संस्कृति, सम्मान और जनसरोकारों पर एक दिवसीय आयोजन आयोजित किया गया। इस अवसर पर देश के विभिन्न शहरों में रहने वाले बड्थ्वाल कुटुंब के लगभग 41 गांवों के सदस्य मौजूद रहे।
समारोह का शुभारंभ संस्था के अध्यक्ष श्री राजकुमार बड़थ्वाल, उपाध्यक्ष डॉ. माधुरी बड़थ्वाल और महासचिव श्री प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल के करकमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात कुटुंब के संस्थापक श्री प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल ने 6 अगस्त 2007 में पनपी परिवार को जोड़ने की अपनी इस सोच पर व्यक्तव्य रखा। कुटुंब के उद्देश्यों पर श्री नवीन बड़थ्वाल ने विस्तार से प्रकाश डाला। अध्यक्ष श्री राजकुमार जी ने परिवार की सोच और शिक्षा को लेकर समाज में भागीदारी और जिम्मेदारी दोनों पर जोर दिया।
संस्था की उपाध्यक्ष पद्मश्री श्रीमती माधुरी बड़थ्वाल जी ने अपने संस्मरण को सांझा किया और गढ़वाली लोकगीतों तथा संस्कृति पर विस्तृत व्याख्यान दिया साथ ही एक लोकगीत गाकर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर बड़थ्वाल कुटुंब द्वारा हिंदी और गढ़वाली भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार श्री ललित केशवान जी को डॉ. पीताम्बर दत्त बड्थ्वाल साहित्य सम्मान, लोक गायिका श्रीमती बीना तिवारी जी को लोक संस्कृति सम्मान, डॉ. जीतराम भट्ट जी को पंडित मुकुंदराम बड्थ्वाल दैवज्ञ सम्मान और सुश्री बसुंधरा रतूड़ी को संस्कृति सम्मान प्रदान किया गया।
इस मौके पर कवि सम्मलेन का भी आयोजन किया गया। आमंत्रित कवियों सर्वश्री जयपाल सिंह रावत छिपड दा, श्री दिनेश ध्यानी, श्री जगमोहन सिंह रावत जगमोरा, डॉ कुसुम भट्ट, युवा कवि प्रदीप रावत खुदेड़ और प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल ने उत्तराखंड के विभिन्न स्वरुपों पर कविता पाठ कर सभी को अपनी जड़ों की ओर सोचने पर मजबूर कर दिया।
बड़थ्वाल कुटुंब का गौरव बढाने हेतु कुटुंब द्वारा इस वर्ष 8 बड़थ्वाल बंधुओं को भी गौरव सम्मान दिया गया । पदमश्री श्रीमती माधुरी बड़थ्वाल, श्रीमती पुष्पा बड़थ्वाल, श्री सुभाष बड़थ्वाल, श्री सत्यप्रसाद बड़थ्वाल(खण्ड), श्री सत्यप्रसाद बड़थ्वाल( बड़ेथ) श्री घनानंद बड़थ्वाल, कर्नल राजेन्द्र बड़थ्वाल एवं श्रीमती आनंदी बड़थ्वाल गैरोला को यह सम्मान प्राप्त हुआ।
सभागार में उपस्थित जज श्री प्रेम कुमार बड़थ्वाल, ब्रिगेडियर गोबिंद बड़थ्वाल, श्री मदन मोहन बड़थ्वाल, कर्नल हीरामणि बड़थ्वाल, श्री रघुनंदन बड़थ्वाल, डॉ जीत राम भट्ट, गढ़वाल हितैषणी सभा के अध्यक्ष श्री अजय सिंह बिष्ट व सभी सम्मानित वक्ताओं ने इस कार्यक्रम की सोच, भव्यता को सराहा और भविष्य में अपना सहयोग देने का भी भरोसा दिया ।
इस अवसर पर डॉ. माधुरी बड्थ्वाल ने कहा गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होना ही चाहिए। उन्होनें कहा हमारी लोक और प्रदेश में सनातन संस्कृति का मूलतत्व है। कोई भी हमारी संस्कृति, साहित्य और सराकोरों से भौत कुछ सीख सकता है। भाषा, साहित्य के लिये नई पीढ़ी को आगे आना चाहिए।
बड्थ्वाल कुटुंब द्वारा आयोजित यह आयोजन दो सत्रों में भाषा, साहित्य, संस्कृति और सामाजिक सरोकारों पर विद्वानों ने अपनी बात रखी। आयोजन में गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने पर भी चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि भारत सरकार जल्दी ही गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करे।
इस मौके पर समस्त बड्थ्वाल परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त साहित्यकार श्री रमेश चन्द्र घिल्डियाल, श्री जयपाल सिंह रावत, श्री दर्शन सिंह रावत, श्री जगमोहन सिंह रावत जगमोरा, श्री चन्दन प्रेमी, श्री गिरधारी रावत, श्री राकेश धस्माना, श्री युवराज सिंह, गढ़वाल भवन के अध्यक्ष श्री अजय सिंह विष्ट, श्री नेगी, उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आकर्षण बड़थ्वाल कुटुंब की स्मारिका का विमोचन भी रहा। श्री हरीश बड़थ्वाल और श्री प्रतिबिंब बड़थ्वाल के अथक प्रयास से कुटुंब की स्मारिका प्रकाशित हुई। लगभग चार सौ सदस्यों का संक्षिप्त परिचय व मोबाइल नम्बर भी इसमें हैं। प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल की पुस्तक यखुली का भी विमोचन इस अवसर पर हुआ जिसमे उनकी कुछ गढ़वाली एवं शुरूआती दौर की हिन्दी कवितायेँ भी हैं। इस असर पर प्रतिबिम्ब की माता जी श्रीमती प्रभा बड़थ्वाल का आशीर्वाद भी बड़थ्वाल परिवार जनो को मिला।
हमेशा की तरह कुटुंब के मेधावी छात्र प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत बारहवीं कक्षा के आठ और दसवीं कक्षा के सात विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।
बड़थ्वाल कुटुंब के स्थापना दिवस के कार्यक्रम का सञ्चालन बड्थ्वाल कुटुंब के श्री पंकज बड़थ्वाल एवं सुश्री पम्मी बड़थ्वाल ने किया. कवि सम्मलेन का सञ्चालन उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली के संयोजक श्री दिनेश ध्यानी, ने किया।
संस्था के महासचिव प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में दिल्ली एनसीआर, देहरादून, पौड़ी, कोटद्वार व लुधियाना सहित देश के अन्य राज्यों से बड़थ्वाल बंधु पधारे थे । सबके सहयोग का ही प्रतिफल है यह सफल आयोजन। लेकिन दिल्ली की जिस टीम ने इस कार्य को अपने स्नेह और मेहनत से इसे सफल बनाया वे हैं कार्यकारिणी से श्री राजेन्द्र बडथ्वाल (फर्सेगाल), श्री नवीन बड़थ्वाल(पदमपुर), श्री पंकज बड़थ्वाल(बड़ेथ), श्री नरेंद्र बड़थ्वाल(गैर), श्री कमलेश बड़थ्वाल(बड़ेथ), श्री पंकज बड़थ्वाल(क्वाली), श्री प्रसन्ना बड़थ्वाल(तल्ला बास्बा), श्रीमती पम्मी बड़थ्वाल एवं देहरादून से अग्रज श्री सतीश बड़थ्वाल(बड़ेथ) तथा श्री कमलेश बड़थ्वाल(बड़ेथ) एवं श्री देवेन्द्र बड़थ्वाल(खण्ड)
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