दो दिवसीय वेदीखाल महोत्सव ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों संग
गढ़वाली भाषा कवी सम्मलेन कर बनाई एक अलग पहचान
गढ़वाल: वेदीखाल इंटर कॉलेज के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में वेदीखाल महोत्सव प्रवासी समिति दिल्ली के तत्वाधान में कॉलेज के प्रांगण में 10 व 11 जून 2022 को वेदीखाल महोत्सव का आयोजन किया गया। इस आयोजन में वेदीखाल इंटर कॉलेज के सभी नए-पुराने विद्यार्थी और अध्यापकों के साथ साथ ग्रामसभा के सभी व्यक्ति मौजूद रहे। समारोह में समाज के कुछ अति विशिष्ट व्यक्तियों ने सिरकत कर समारोह की शोभा बढ़ाई। महोत्सव में अपने पुराने दिनों की यादें ताजा होते देख कई लोगों के आंखों में ख़ुशी के आंशु छलक आये। इस आयोजन में पूर्ण रूप से अपनी माटी अपनी थाती और अपनी भाषा की झलक दिखाई दी जिस वजह से ये और आयोजनों से एकदम अलग नज़र आया। आयोजकों ने अपने सबसे पुराने प्रधानाचार्य स्वर्गीय भोला दत्त बंदूणी जी के सुपुत्रों श्री उमेश चन्द्र बंदूनी व श्री गिरीश बंदूनी सहित कई अन्य अध्यापकों को सम्मानित कर स्कूल का मान-सम्मान बढ़ाया।
आयोजन के पहले दिन कवी सम्मलेन के साथ साथ बच्चों व उत्तराखंडी प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों व महिला मंगलदलों की प्रतियोगिता ने समा बांधा तो वहीं दूसरे दिन विभिन्न वर्गों के बीच खेल प्रतियोगिताओं और सम्मान समारोह ने उपस्थित जन समूह में ऊर्जा भर दी । अपने क्षेत्र में प्रथम बार होने वाले ऐसे आयोजन से क्षेत्र के लोग भाव विभोर हो गए और सबने कहा कि ऐसे आयोजन बार बार होने चाहिए।
कवि सम्मलेन में आमंत्रित कवियों गढ़वळि गजलकार श्री पयाश पोखड़ा, साहित्यकार/ उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच दिल्ली का संयोजक श्री दिनेश ध्यानी, साहित्यकार/ आखर समिति का अध्यक्ष श्री संदीप रावत, युवा कवि/गीतकार श्री ओम ध्यानी, युवा कवियत्री श्रीमती ममता रावत, युवा कवि श्री वीरेन्द्र जुयाल उपरी, गीतकार/कवि श्री सर्वेश्वर बिष्ट , युवा कवी राकेश जिरवान आदि ने अपनी-अपनी शैली में समाज के विभिन्न पहलुओं पर रचनाएं सुनाकर जनता का खूब मनोरंजन किया। संदीप रावत के सफल मंच संचालन ने श्रोताओं को अंत तक बांधे रखा। तत्पश्चात महिलामंगल दलों ने पारंपरिक चौंफला, थड्या, झुमैलो आदि विधाओं के गीत गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आयोजन समिति के संयोजक और कवि/गीतकार सर्वेश्वर बिष्ट के अथक प्रयासों से वेदीखाल में ऐसा आयोजन आयोजित किया गया । उनके और पूरी टीम सहयोग से कार्यक्रम में न केवल स्थानीय बल्कि सैकड़ों प्रवासी बंधु भी इस आयोजन के भागीदार बने। आयोजन की एक विशेष बात ये भी रही कि सैंधार के श्री राजेश बहुखण्डी जी जिनके पास दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह है के द्वारा लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी को लोगों ने काफी पसंद किया।
इस अवसर पर साहित्यकार दिनेश ध्यानी ने आयोजन समिति और कुछ क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के बीच यह बात रखी कि वेदीखाल-सैंधार मोटरमार्ग का नाम वरिष्ठ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी व पत्रकार स्वर्गीय मदन जोशी जी के नाम पर रखा जाना चाहिए। उनके इस सुझाव पर सैंधार ग्रामसभा ने सभी की सहमति से एक प्रस्ताव बनाकर शासन- प्रशासन को भेजने की बात कही।
वेदिखाल महोत्सव यह पैगाम देने में सफल रहा कि वह अपनी नई और पुरानी पीढ़ी को जोड़ने व अपनी संस्कृति-सरोकारों को आगे बढ़ाने के लिए एक कड़ी के रूप में काम कर रहा है।
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