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विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊँचा रहे हमारा के गान से स्वतंत्रता दिवस पर आज भी देशभक्ति में रमते है उत्तराखंड के गांव


विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊँचा रहे हमारा के गान से स्वतंत्रता दिवस पर आज भी देशभक्ति में रमते हैं उत्तराखंड के गांव 

देहरादून: आज पूरा भारत वर्ष अपनी आज़ादी का 75 वां वर्ष मना रहा है जिसमें क्या बच्चा क्या बूढ़ा सभी तिरंगे के रंग में रमे आज़ादी का लुफ्त उठा रहा है ऐसे में हमें याद आतें है अपने वो पहाड़ी गांव जहां बचपन में ही विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा और आज क्या है पंद्रह अगस्त जैसे जोशीले शब्दों से देशभक्ति कूट कूट कर भर दी जाती है। 

स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने बचपन का वो दृश्य आज भी हमारी आंखो  के आगे हूबहू दिखने लगता है जब बच्चे एक दिन पहले ही बड़े जोश के साथ 15 अगस्त की सुबह का इंतज़ार करने लगते थे और अपनी स्कूल ड्रेस को तय कर तकिये के निचे दबा देते थे ताकि उसकी सिलबटें हट कर वो साफ सुथरी दिखे साथ ही वो देशभक्ति गीत भी भली भांति याद कर लेते थे जिसे सुबह स्कूल में गाया जाना हो। रात  जल्दी सोकर अगले दिन तड़के ही उठकर बड़ी गर्मजोशी के साथ तैयार हो हाथों में तिरंगा लिए स्कूल पहुँच जाया करते थे। 


उत्तराखंड के सभी स्कूलों में  इस दिन प्रभात फेरी निकाली जाती है।  स्कूल में ध्वजारोहण करने के पश्चात शिक्षक व बच्चे एक पंक्ति में जब गांव में निकलते थे तो उनके उदघोष में "आज क्या है 15 अगस्त" से आस पास की सारी पहाड़ियां गुंजायमान हो जाती थी और लड़कों की नीली व खाखी पेंट तथा लड़कियों की हरी कुर्ती व सफ़ेद सलवार की स्कूल ड्रेस के साथ तिरंगे की चमक और बढ़ जाती थी जिससे माहौल आज़ादी के पूर्व के वर्षों जैसा ही लगने लगता है । 

इस अवसर पर जब हमने फ़ोन द्वारा चमोली के घाट ब्लॉक में स्थित ल्वाणी गांव के हाई स्कूल के शिक्षक भगवती पुरोहित से इस बावत पूछा तो उन्होंने बताया कि शिक्षा के साथ साथ बच्चों में देश के प्रति प्रेम की भावना देना हमारा कर्तव्य है और ऐसा करके हम एक तरह से देशभक्ति में अपना एक छोटा सा सहयोग मानते है।  वहीं पोखरी ब्लॉक के वीणा गांव स्थित स्कूल की शिक्षिका कुसुम लता ने भी बताया की अब स्कूलों में प्रभात फेरी के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा भी माहौल को देशभक्ति का बनाया जाता है लेकिन वो पहले वाली बात अब नहीं दिखती जब बच्चों की  लंबी लंबी कतारें पहाड़ों को रंगबिरंगी बना पूरे उत्तराखंड को देशभक्ति के गीतों  से गुंजायमान कर देती थी। आप दोनों के मुताबिक इस दिन सबके दिलों में अलग ही जोश और जुनून की भावना दिखाई देती है जब बच्चों के द्वारा  निम्न राष्ट्र गीत गया जाता है।



विजयी विश्व तिरंगा प्यारा 

झण्डा ऊँचा रहे हमारा

सदा शक्ति बरसानेवाला

प्रेम सुधा सरसानेवाला

वीरों को हर्षानेवाला

मात्ऱ्भूमि का तन-मन सारा 

झण्डा ऊँचा ...

स्वतन्त्रता के भीषण रण में

रख (लख?) कर जोश बढ़े क्षण क्षण में

काँपे शत्रु देख कर मन में

मिट जावे भय संकट सारा 

झण्डा ऊँचा ...

इस झण्डे के नीचे निर्भय

हो स्वराज जनता का निश्चय

बोलो भारत माता की जय

स्वतन्त्रता ही ध्येय हमारा 

झण्डा ऊँचा ...

शान न इस की जाने पावे

चाहे जान भले ही जावे

विश्व विजय कर के दिखलावे

तब होवे प्रण पूर्ण हमारा 

झण्डा ऊँचा ...  


आज जब देश को आज़ाद हुए 75 साल हो गए हैं और उत्तराखंड राज्य बने 21 साल इसके बावजूद यह प्रदेश जन सुविधाओं के लिए अब भी तरस रहा है और लगातार हो रहे पलायन के कारण गांव के गांव खाली हो रहे हैं लेकिन एक चीज़ जो अभी भी कुछ कम नहीं हुई है बल्कि पहले से कुछ और बढ़ी है वो है देशभक्ति। आज भी इस प्रदेश के अधिकांश लोग सेना में जाने के लिए लालायित रहते है उसका एकमात्र कारण कि बचपन से ही झंडा ऊँचा रहे हमारा की भावना इन दिलों में रच बस जाती हैऔर यही भावना अब धीरे धीरे भारतवर्ष में दिखाई देने लगी है। हम उम्मीद करते है कि जल्द ही भारत का तिरंगा फिर से पूरे विश्व में अपना परचम फहराएगा। 

जय हिंद, जय भारत, जय उत्तराखंड 







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