कर्णप्रयाग : शुक्रवार को जनपद चमोली के सिद्धपीठ सिमली में स्थित मां राजराजेश्वरी चंडिका देवी की बन्याथ यात्रा के प्रथम चरण का पारंपरिक और वैदिक मंत्रोचार के साथ शुभारंभ हुआ। यात्रा में चार गांवों सुदंरगांव, जाख, सैनू और सिमली के ऐरवाले (देवी के पश्वा) और भगवान विष्णु के पश्वा बाजे-गाजे के साथ गोविंद मंदिर पहुंचे। अब गोविन्द मंदिर में पश्वों के द्वारा छह सितंबर तक नित्य प्रति पूजा अर्चना की जाएगी। सात सितंबर को यात्रा के दूसरे चरण के तहत मां चंडिका देवी की डोली गर्भगृह से बाहर आएगी।
सिद्धपीठ सिमली स्थित मां राजराजेश्वरी चंडिका देवी की बन्याथ यात्रा 14 वर्षों के बाद आयोजित हो रही है। इस यात्रा के दौरान मां चंडिका देवी दस माह तक विश्व शांति और लोक कल्याण के लिए जनपद के विभिन्न गांवों और क्षेत्रों का भ्रमण करेगी। मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत टकोला, उपाध्यक्ष मलक सिंह नेगी, महासचिव देवेंद्र रावत, कोषाध्यक्ष इंद्र सिंह नेगी, पुजारी प्रदीप गैरोला, कृष्णा गैरोला आदि ने बताया कि देवी की बन्याथ यात्रा के प्रथम चरण का शुभारंभ हो गया है। अब तीन दिनों तक मंदिर में देवी की दुर्गा सप्तशती पूजा, ब्रह्मबंधन आदि धार्मिक प्रक्रियाएं होंगी। इसके बाद 11 सितंबर से देवी 10 माह की बन्याथ पर निकलेंगी।
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