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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता रिपोर्ट हुई सार्वजनिक चार खंडों में है उपलब्ध

 


उत्तराखंड में UGC रिपोर्ट हुई सार्वजनिक


देहरादून : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया गया है। शुक्रवार को नियम एवं क्रियान्वयन समिति कमेटी के चेयरमैन शत्रुघ्न सिंह ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी। यह रिपोर्ट चार खंडों में उपलब्ध है जिसमें कुल 392 अनुच्छेद हैं। उत्तराखंड 2024 की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पढ़ने के लिए आप http://ucc.uk.gov.in वेबसाइट पर जाकर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ सकते हैं। 

बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा से समान नागरिक संहिता विधेयक 7 फरवरी में पास हुआ और 12 मार्च को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद धामी सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया था। इसके बाद समिति ने यूसीसी के चार खंडों की रिपोर्ट तैयार की। जिसे आज सार्वजनिक किया गया है। सरकार अक्टूबर माह में इसे पारित करेगी।

उत्तराखंड में यूसीसी कानून बनाने से पहले भारत के वैदिक काल से लेकर संविधान सभा के गठन तक गहन अनुसंधान किया गया था। साथ ही देश-विदेश में अलग-अलग समय में लागू रहे विभिन्न धर्मों के पर्सनल लॉ का आम लोगों के जीवन पर क्या असर रहा, जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत अनुसंधान किया गया था।

नियम एवं क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि यूसीसी की रिपोर्ट को चार खंडों तैयार किया गया है जिसमें पहला खंड -रिपोर्ट ऑफ द एक्सपोर्ट कमेटी, दूसरा खंड - ड्राफ्ट कोड, तीसरा खंड - रिपोर्ट ऑन स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन और चौथा खंड -प्रारूप संहिता पर आधारित है। 

समान नागरिक संहिता में किए गए प्रमुख प्रावधान

  • बाल विवाह,बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर लगाम लगाने का प्रावधान किया गया है।
  • विवाह का पंजीकरण होगा अनिवार्य। पंजीकरण न होने पर सरकारी लाभ नही मिलेगा
  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को जायज बच्चा माना जायेगा। बच्चे को जैविक संतान की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे।
  • सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार।
  • मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत जैसी प्रथा पर रोक लगेगी।
  • संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा।
  • किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार मिलेगा।
  • जनसंख्या नियंत्रण पर भी कमेटी को काफी सुझाव मिले हैं लेकिन उन्हें यूसीसी में शामिल नहीं किया गया।

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