विकासखंड पोखरी (चमोली) स्थित बीआरसी भवन के अधिग्रहण से शिक्षकों में उबाल-अध्यापक संयुक्त संघर्ष समिति पोखरी ने जताया रोष
गोपेश्वर : जिला चमोली के विकासखंड पोखरी में स्थित बीआरसी के छोटे से भवन के आधे हिस्से पर सिविल जज (जूनियर डिवीज़न) संचालित होने से अकादमिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा और छात्रों, शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग को इससे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। सरकार के इस निर्णय पर शिक्षकों में रोष है।
अध्यापक संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि पोखरी स्थित विद्यालयी शिक्षा का ब्लॉक संसाधन केंद्र भवन के दो कक्षों को जिलाधिकारी चमोली के आदेश पर न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीज़न के संचालन हेतु व्यवस्था की गई है जिसका हम प्रतिकार करते है। उन्होंने कहा कि यह ब्लॉक संसाधन केंद्र भवन गुणवत्ता पूरक शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ती के लिए संजीवनी का कार्य करता है। यह भवन अध्यापन करने वाले लगभग 5000 छात्र छात्राओं जिनमे कुछ विकलांग भी है और लगभग 400 शिक्षक व शिक्षिकाओं के लिए संसाधन का केंद्र है। पटवारी पोखरी की गलत सूचना पर न्यायालय संचालन के लिए आदेश निर्गत किए गए हैं, हम सब उत्तराखंड प्रशासन के सभी जिम्मेदार अधिकारीयों व नेताओं से आग्रह करते हैं कि शिक्षा को संजीवनी देने वाले इस ब्लॉक संसाधन केंद्र का अन्य कार्यों हेतु उपयोग में लाने के निर्देश को अविलंब निरस्त किया जाए।
अध्यापक संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जिला प्रशासन को अपने इस निर्णय को वापिस लेकर सिविल न्यायालय हेतु अन्य विकल्प तलाशने चाहिए। इस मुद्दे पर शिक्षा विभाग को भी चाहिए कि वह इस महत्वपूर्ण अकादमिक संस्थान को बचाने के लिए मजबूत पैरवी करे। उनके मुताबिक यह कोई कार्यालय नहीं है बल्कि एक शैक्षणिक अकादमीक संस्थान है जिसे मजबूत करने के लिए भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
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