DEHRADUN : प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड राज्य आन्दोलन कारियों एवं उनके आश्रितों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। राजभवन ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है। विधेयक को मंजूरी मिलने से करीब 11 हजार से अधिक राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को इसका लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार ने इसी साल फरवरी में राज्य आंदोलनकारियों व आश्रितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के लिए विधानसभा में विधेयक पेश किया था। लेकिन कुछ सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों में कुछ संशोधन के लिए इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी। सदस्यों की मांग पर स्पीकर ने विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया था। आज राजभवन ने भी इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए राज्यपाल का आभार जताया है। उन्होंने कहा, सरकार राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती। उन्हें सुविधाएं देना शीर्ष प्राथमिकता में है।
6 फरवरी 2024 को विधेयक प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए पारित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में इस मसले पर राजभवन में बात की थी। जिसके बाद अब विधेयक को मंजूरी मिली है। विधेयक को मंजूरी मिलने से राज्य आंदोलनकारियों के चेहरे खिल गए हैं। उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों से वे इस लाभ से वंचित थे। हाईकोर्ट ने मार्च 2018 में राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 7 फरवरी 2024 को विधानसभा विधेयक पारित किया गया था। अब राजभवन ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी है। हमने राज्य आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया था कि सरकार 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ देगी। राज्य आंदोलनकारियों के त्याग व बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। सरकार आंदोलनकारियों व उनके परिवार के कल्याण के प्रति समर्पित है।
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