उत्तरकाशी : स्यानाचट्टी में लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यमुना नदी पर बनी कृत्रिम झील के कारण स्यानाचट्टी जलमग्न होने से ग्रामीणों की जिंदगी थम सी गई है। लचर प्रशासन व्यवस्था के खिलाफ शुक्रवार को आक्रोशित स्थानीय ग्रामीणों ने यमुनोत्री पुल के पास पानी के अंदर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया।
लोगों ने जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते उनके विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों के आक्रमक रुख को देखकर प्रशासन हरकत में आया। जिलाधिकारी, विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष राफ्ट से ग्रामीणों के बीच पहुंचे लेकिन उन्हें भी प्रभावितो के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। डीएम ने लोगों से बात करते हुए झील को जल्द खोलने और हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वास दिया।
झील के एक हिस्से को खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी, एसडीआरएफ, सिंचाई विभाग और अन्य सम्बंधित एजेंसियां लगातार जुटी हैं। राहत की बात यह है कि खबर लिखे जाने तक झील के जलस्तर में लगभग दो फुट तक की कमी आई है।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को स्यानाचट्टी चट्टी में बनी झील से जल निकासी के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए चैनेलाइजेशन करने के लिए समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
ज्ञात हो कि गुरुवार को यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास कुपड़ा खड्ड में मलबा और बड़े पत्थर आने से यमुना नदी में बनी झील का जलस्तर फिर से बढ़ गया था। स्यानाचट्टी में घरों और होटलों में पानी घुस गया, जिससे दहशत फैल गई।
हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने स्यानाचट्टी, कुथनौर और खरादी के सभी भवनों और होटलों को खाली करवा दिया। करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
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