भराड़ीसैंण : विधानसभा का मानसून सत्र डेढ़ दिन बाद ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा। विपक्ष अपनी मांगों को लेकर सदन की कार्यवाही को बार बार बाधित कर रहा था जिसके कारण सदन कई बार स्थगित हुआ। भारी हंगामे के बीच ही सरकार ने सभी नौ विधेयकों को पारित कर दिया और 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी पास कर दिया गया है।
पहले दिन सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्षी विधायकों का धरना रात भी चला। आज सुबह भी सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी विपक्षी विधायक कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग पर अड़े रहे। इस बीच उन्होंने जिलाधिकारी नैनीताल का तबादला, एसएसपी का निलंबन और कांग्रेस नेताओं पर से मुकदमा वापिस जैसी तीन मांगे भी रखी।
विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र डेढ़ दिन में ही खत्म कर दिया गया। इस दौरान सदन में उत्तराखंड अल्पसंख्यक विधेयक पास किया गया, जिसके बाद सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक प्राधिकरण गठित होगा। इस प्राधिकरण से मदरसों को भी मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो गया।
इसके अलावा समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक भी पारित हुआ। नए प्रावधानों के तहत गलत तरीके से लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए सजा बढ़ा दी गई है। सदन में संशोधित सख्त धर्मांतरण कानून भी पास किया गया। अब जबरन धर्मांतरण पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान होगा।
सत्र के दौरान कांग्रेस ने तीखा प्रदर्शन किया। निर्दलीय विधायक संजय डोभाल भी विपक्षी विधायकों के साथ धरना-प्रदर्शन में शामिल हो गए। इसी बीच कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सदन में कागज फाड़कर उछाले, जिससे माहौल और गर्मा गया।
स्थानीय लोगों ने इसे मात्र ड्रामा करार दिया है। उनका मानना है कि आम जनता की समस्याओं से इन जनप्रतिनिधियों का कुछ लेना देना नहीं। हमारे टैक्स का करोड़ों रूपये बर्बाद करने ये गैरसैंण आते हैं। जब सत्र चलाना ही नहीं तो ये ड्रामा क्यों ?
वहीं अब स्थाई राजधानी गैरसैंण का मुद्दा भी फिर से गरमाने लगा है। कल UKD ने गैरसैण में अपना धरना प्रदर्शन किया है और अब जल्द ही आम जनता भी इस मुद्दे को प्रदेश सहित दिल्ली में भी पूरे दमखम के साथ उठाने वाली है।
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