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प्रवासी उत्तराखंडी संगठनो के आपसी सहयोग से दिल्ली के खोड़ा कॉलोनी से गायब हुई उत्तराखंड मूल की नाबालिक लड़की की हुई सकुशल घर वापसी

प्रवासी उत्तराखंडी संगठनो के आपसी सहयोग से दिल्ली के खोड़ा कॉलोनी से गायब हुई उत्तराखंड मूल की नाबालिक लड़की की हुई सकुशल घर वापसी


नई दिल्ली : सामाजिक संगठनों के आपसी जुड़ाव और उससे आम जन को मिलने वाला सहयोग क्या होता है उसकी बानगी आज देखने को मिली जब दिल्ली खोड़ा कॉलोनी से गायब उत्तराखंड मूल की लड़की को भीलवाड़ा के राजस्थान से सकुशल घर लाया गया।   

बता दें कि तीन चार दिन पहले मूल रूप से अल्मोड़ा के मासी गांव की रहने वाली  बिष्ट फैमिली जो कि दिल्ली के खोड़ा कालोनी में रहते हैं, की नाबालिक 14 वर्ष  की लड़की अपनी सहेली और एक अन्य लड़के के साथ अचानक से घर से ग़ायब हो गयी। लड़की के इस तरह गायब होने से माता पिता काफी परेशान हो गए। काफी खोज बीन करने के बाद भी जब उसका पता नहीं चला तो परिवार ने थाने में जाकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। लेकिन इस मामले में पुलिस की कार्यवाही ढील ढाल वाली ही रही। किन्तु दिल्ली के सामाजिक संगठनों ने सोशल मीडिया के जरिये लड़की की खोज करनी शुरू कर दी। 

दिल्ली में रहने वाले जाने माने समाजसेवी श्री अनिल पंत जी ने इस मामले की जानकारी अपने माध्यम से देश के अन्य प्रदेशों में उत्तराखंडी संगठनों को दी। जिसके बाद सभी संगठनों ने भी अपने स्तर पर बेटी की खोज खबर शुरू कर दी। 

पंत जी द्वारा दी गई जानकारी पर राजस्थान उत्तराखंड सभा के आनन्द पांडे ने कहा कि पंत जी द्वारा हमें इसमें सहयोग के लिए कहागया। क्योंकि "राजस्थान उत्तराखंड सभा" का विस्तार और जुड़ाव राजस्थान प्रदेश के सभी जिलों में है। ऐसे में सभा से जुड़कर सभी जिलों के उत्तराखंडी एक साथ दिखते है और सहयोग करते है। मैंने भीलवाड़ा जिले के हमारे सहयोगी श्री महेंद्र सिंह अधिकारी जी और श्री एम सी जोशी जी एवं एडवोकेट अगराज जी से संपर्क सादा। इसमें सभा सहयोगी हेमेंद्र जी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए अपने पुलिस मित्र के सहयोग से लड़की और उसके मित्रों की लोकेशन ट्रेस की। जिसके बाद उनके एक स्पा केंद्र में होने की जानकारी प्राप्त हुई लेकिन पुलिस के वहां पहुँचने की भनक बच्चों को लगते ही वे वहां से भाग गए।

चूंकि सामाजिक बंधु और पुलिस उनका लगातार पीछा कर रही थी ऐसे में तीनों को भीलवाड़ा बस स्टैंड से पकड़ लिया गया। इसकी जानकारी तत्काल उनके माता पिता को दी गई, और आपस में बात चित कराई गई, पुलिस के पास उनकी कस्टडी सुनिश्चित की गई। इन तीनों नाबालिक बच्चों को उनके पेरेंट के सुपुर्द कर दिया गया है। 




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