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उत्तराखंड : यमनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन से आए मलबे में कई यात्री दबे, बरसात बनी मुसीबत

उत्तराखंड : यमनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन से आए मलबे में कई यात्री दबे, बरसात बानी मुसीबत

रुद्रप्रयाग : मानसून शुरू होते ही उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ दरकने की  घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं, जिससे कई स्थानों पर दुर्घटनाएं देखने को मिल रही है। सोमवार दोपहर को यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जानकीचट्टी के नौ कैंची के पास पहाड़ दरकने से कई यात्री मलबे में दब गए। सूचना पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर यात्रियों को मलबे से बाहर निकाला। 

जानकीचट्टी चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने रास्ते में फंसे यात्रियों को भूस्खलन वाले क्षेत्र से बाहर निकाला और एक यात्री मुंबई निवासी रसिक(60) को अस्पताल पहुंचाया। यात्री के सर पर चोटें हैं, लेकिन खतरे से बाहर बताया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल सुरक्षा के लिहाज से यात्रा मार्ग पर आवाजाही  रोक दी गई है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। 

गंगोत्री हाईवे पर बारिश से नाले मुसीबत बन रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बीआरओ ने वर्षों से इन नालों पर सुरक्षात्मक कार्य नहीं किये हैं जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को बरसात में परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

वहीं मौसम विज्ञान विभाग ने 22 से 26 जून तक राज्य के देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चंपावत में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। इसके मद्देनजर यूएसडीएमए के अधीन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसओईसी) ने संबंधित जिलों के डीएम को पत्र भेजकर सावधानी बरतने को कहा है। इसमें आपदा प्रबंधन आईआरएस के नामित अधिकारी व विभागीय नोडल अधिकारी अलर्ट पर रहेंगे।

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