नई दिल्ली : चाणक्यपुरी स्थित उत्तराखंड सदन के सम्मेलन कक्ष में पर्वतीय लोकविकास समिति एवं दिल्ली की विभिन्न प्रवासी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पर्वतीय लोकविकास समिति के पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक तथा उत्तराखंड सरकार में दायित्वधारी राज्यमंत्री उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र दत्त सेमवाल का सार्वजनिक अभिनंदन किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि वीरेन्द्र दत्त सेमवाल ने पृथक राज्य उत्तराखंड आंदोलन से लेकर संगठन और पार्टी के हर दायित्व में प्रामाणिकता से कार्य किया है, उनको दायित्व मिलने पर हम सबको बहुत खुशी है, बल्कि यह कार्य तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को यह गर्व होना चाहिए कि हम वहां पैदा हुए हैं जहां से माँ गंगा का उद्गम हुआ। धर्म ध्वजा को फहराने और पित्रों की मुक्ति के लिए व्यास जी ने पहली भागवत कथा का श्रीगणेश करवाया,जिस दिव्य खतलिंग धाम से पांडवों ने स्वर्गारोहण किया,जिस पावन केदार भूमि में सनातन धर्म के प्रणेता आदि शंकराचार्य ब्रह्मलीन हुए। हमारे पितरों ने अच्छे-अच्छे कार्य किए और अभूतपूर्व योगदान दिया है। ये ठीक है कि 1947 में पूरे देश की स्वतंत्रता के बाद टिहरी गढ़वाल दो साल बाद 1949 में आजाद हुआ। लेकिन प्रेरणा और जनजागरण के लिए हिमालय गौरव इंद्रमणि बडोनी जी ने भिलंगना घाटी को ही अपनी कर्मस्थली बनाया और देखा जाए तो वास्तव में उत्तराखंडियत की अवधारणा के प्रवर्तक और इसे जीने वाले भी इंद्रमणि बडोनी जी ही हैं। पृथक उत्तराखंड राज्य देने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी और इस राज्य के लिए आजीवन संघर्षरत रहे इंद्रमणि बडोनी जी की भूमिका अद्वितीय है। अब युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में हम सबको मिलकर हिमालय और गंगा की अविरल रक्षा के लिए जुटना होगा।
अपने अभिनंदन हेतु सबका आभार प्रकट करते हुए उत्तराखंड सरकार के दायित्वधारी राज्यमंत्री श्री वीरेन्द्र दत्त सेमवाल ने कहा कि एक टेक्सटाइल इंजीनियर, सफल व्यवसायी और उत्तराखंड आंदोलनकारी होने के साथ मैं सदैव प्रवासी समाज के बीच सांस्कृतिक पहचान बनाने के प्रयासों में भी और अपने लोगों की सेवा में भी तत्पर रहा। मेरठ में उत्तराखंड महासभा से यदि पृथक राज्य आंदोलन के चलते जुड़ा तो पर्वतीय लोकविकास समिति एवं अन्य संस्थाओं के साथ मैंने सामाजिक जागरण और अपनों की सेवा के लिए कार्य किया।
श्री सेमवाल ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य रहा कि जिस हस्तशिल्प का मैं विशेषज्ञ रहा उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री ने नवरात्र के शुभ दिन पर स्वयं फोन कॉल करके मुझे उसी विषय का दायित्व दिया। राज्य के सभी 13 जिलों के दुर्गम क्षेत्रों और दूरदराज के गाँवों के भ्रमण के साथ वहां के भेड़ पालकों से मुलाकात कर उन्हें विश्वास दिलाया कि सरकार से उनके कल्याण के लिए ठोस कार्य करवाएंगे। अभिनंदन समारोह के संयोजक सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में मीडिया सलाहकार एवं पर्वतीय लोकविकास समिति के अध्यक्ष प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि विगत 11 वर्षों से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और लगभग सभी केंद्रीय मंत्रियों ने उत्तराखंड के उत्थान और विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी,लेकिन अमर बलिदानी स्वातंत्र्यवीर श्रीदेव सुमन,पद्मभूषण सुंदरलाल बहुगुणा अथवा हिमालय गौरव इंद्रमणि बडोनी को उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के अनुरूप प्रतिष्ठा मिले ये तो स्थानीय नेतृत्व के प्रयास से ही होगा। लेकिन इस सबके बीच भी पर्यावरण चेतना की मशाल को जलाते हुए हिमालय और गंगा के लिए स्वर मुखर करने वाले विधायक किशोर उपाध्याय जी और गंगी,गेंवाली,पिंसवाड़ व नेटवाड़ तक भेड़ पालकों और उनकी ऊन की चिंता करने वाले हमारे राज्यमंत्री श्री वीरेन्द्र दत्त सेमवाल जी आशा जगाते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार प्रदीप कुमार वेदवाल ने कहा कि वीरेंद्र दत्त सेमवाल अपने ज्ञान,अनुभव और निरंतर प्रयास से उत्तराखंड में हस्तशिल्प के विकास में प्रभावी भूमिका निभाएंगे।
उत्तराखंड एकता मंच के महासचिव गिरीश बलूनी, भाजपा दिल्ली प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अर्जुन राणा, नई दिल्ली भाजपा के मंडल अध्यक्ष संजय तड़ियाल, वरिष्ठ नेता धर्मवीर, बिजनेस उत्तरायणी के संयोजक नीरज बवाड़ी, पत्रकार मुरार कंडारी, पत्रकार महेश ढौंडियाल आदि ने भी श्री वीरेन्द्र दत्त सेमवाल को नए दायित्व की बधाई और शुभकामना दी। भाजपा नई दिल्ली की मंडल उपाध्यक्ष मंजू बिष्ट की टोली की महिलाओं ने गणेश वंदना और बद्री-केदार की स्तुति प्रस्तुत की। सभी संस्थाओं की ओर से राज्यमंत्री वीरेन्द्र दत्त सेमवाल को प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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