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उत्तरकाशी : बादल फटने से आई जलत्रासदी में 150 से अधिक लोंगो को सुरक्षित निकाला 9 जवानों सहित 50 से अधिक लापता

उत्तरकाशी : बादल फटने से आई जलत्रासदी में 150 से अधिक लोंगो को सुरक्षित निकाला 9 जवानों सहित 50 से अधिक लापता


CLOUD BURST IN UTTARKASHI : मंगलवार दोपहर को उत्तरकाशी के धराली, हर्षिल और सुक्खू में बादल फटने की घटनाओं ने दिल दहला दिया। एक ओर जहां जलत्रासदी से धराली में 40-50 होटल, दुकानें और कई मकान जमीजोद हो गए वहीं हर्षिल में सेना के कैंप से 9 जवान बाढ़ में लापता बताये जा रहे हैं। धराली में अब तक 4  लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 50 से अधिक लोग लापता बताये जा रहे हैं। 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। एक व्यक्ति का शव बुधवार सुबह मलबे में से निकाला गया है। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या अधिक हो सकती है।

सेना, एसडीआरफ और एनडीआरएफ की टीमें युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार घटना पर पूरी नजर बनाये हुए है और हर तरह की मदद के लिए तैयार है।  राज्य सरकार की और से कई अधिकारियों को घटना स्थल पर भेजा गया है लेकिन अत्यधिक बारिश और जगह-जगह रास्ते ब्लॉक होने की वजह से उन्हें वहां पहुँचने में देरी हो रही है। 

भारतीय वायु सेना के MI -17 चिनूक हेलीकॉप्टर  राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार हैं, लेकिन ख़राब मौसम और भारी बारिश के चलते बाधा उत्पन्न हो रही है। 

राज्य सरकार ने जारी की राशि 

राज्य सरकार ने आपदा मोचक निधि से राहत और बचाव के लिए 20 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है। 

धराली में आपदा की वजह आई सामने 

धराली गांव में आई विनाशकारी बाढ़ का कारण बादल फटना नहीं था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बाढ़ ऊपर की ओर किसी ग्लेशियर के टूटने या ग्लेशियर झील के फटने से आई। 

मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण 

मुख्यमंत्री धामी ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और कहा कि सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय लोग मिलकर बचाव कार्य में लगे हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून में आपदा संचालन स्टेशन 24 घंटे घटना पे नज़र बनाए हुए हैं और हर संभव सहायता के लिए तत्पर है। इस त्रासदी में प्रधानमंत्री  द्वारा सहयोग देने के लिए उन्होंने उनका धन्यवाद किया। 

 

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