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उत्तराखण्ड : जनपद चमोली में आफत बनी बारिस भूस्खलन से कई स्थानों पर फंसे यात्री ग्रामीणों ने घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर ली शरण

जनपद चमोली में आफत बनी बारिस भूस्खलन से कई स्थानों पर फंसे यात्री ग्रामीणों ने घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर ली शरण


कर्णप्रयाग : जनपद चमोली में लगातार हो रही तेज बारिश ने लोगों को आफत में डाल दिया है। भूस्खलन और मालवा आने से बदरीनाथ हाईवे पर जगह जगह यातायात  बाधित हो जाने व गदेरों के उफान में आने से लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। 

नंदप्रयाग के पास पर्थाडीप भूस्खलन क्षेत्र में एक वाहन मलबे में फंस गया था, हालांकि उसमें सवार तीर्थयात्रियों को पहले ही सुरक्षित उतार लिया गया था। बाद में वाहन को भी जेसीबी मशीन की मदद से मलबे से निकाल लिया गया है। हाईवे पर आए मलबे को हटाकर यातायात को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है। वहीं क्षेत्रपाल में मलबे को हटाकर हाईवे को वैकल्पिक रूप से सुचारु कर दिया गया है।  

तेज बारिश की सबसे बड़ी मार थिरपाक गांव को झेलनी पड़ी है। यहां अनुसूचित जाति बस्ती में रात करीब एक बजे नौलाकलाना गदेरा उफान पर आ गया। जिसके तेज बहाव के साथ मलबा आने से तीन गौशालाओं को छति पहुंची है। गदेरा उफान पर आने के बाद ग्रामीणों ने जान बचाने के लिए पास के सरकारी अस्पताल में शरण लेनी पड़ी। ग्रामीणों के मवेशियों और मकानों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा है।

घुड़साल गांव के समीप बरसाती नाला उफान पर आने से गांव को जोड़ने वाली पुलिया बह गई है जिससे गांव का जनसंपर्क टूट गया है। कमेड़ा तोक में भूस्खलन होने से कई परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। 

मैठाणा पलेठी मार्ग भी जगह जगह से क्षतिग्रहस्त हो गया है जिसके कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 


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